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- मुफ्त मे देखी जाने वाली पॉर्न फिल्म इंडस्ट्री में कैसे बरसता है पैसा ?
Posted by : achhiduniya
04 December 2018
बीते दिनो सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (आईएसपी) को
अश्लील सामग्री दिखाने वाली 827 वेबसाइट्स बंद करने का निर्देश दिया। आमतौर पर ये
साइट्स मुफ्त में देखी जाती हैं, लेकिन ये जानने वाली बात है कि ये साइट्स
कैसे पैसा बनाती हैं। किस तरह चलता है इनका बिजनेस। पॉर्न वेबसाइट्स हर महीने 5
मिलियन से अधिक हिट्स का आनंद लेती हैं। जब आप एक पॉर्न साइट पर जाते हैं तब आप इन
साइटों पर लगे विज्ञापन भी देखते हैं। जिस साइट पर जितना ट्रैफिक होता है,उसे उतना ही एड रेवेन्यू हासिल होता है। आमतौर पर
यही इनकी कमाई का मुख्य जरिया होता है,लेकिन बहुत सी
साइट्स ऐसी भी हैं जो देखने की एवज में पैसा लेती हैं और खूब चलती हैं। माना जाता
है कि दुनियाभर की पॉर्न इंडस्ट्री करीब 100 बिलियन डॉलर से कहीं ज्यादा की है।
ये
दुनियाभर के कुछ सबसे बड़े व्यवसायों से कहीं ज्यादा बड़ी है। दुनियाभर में 25
मिलियन अश्लील साइटें हैं। कैलिफ़ोर्निया की सैन फर्नांडो वैली में पॉर्न का
व्यापार पैदा हुआ था। वहां लगभग 11,000 हार्ड-कोर
पोर्न फिल्में सालाना शूट की जाती हैं। मुफ्त पॉर्न अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध हो
सकता है,लेकिन इसके जरिए बहुत से उत्पाद भी बेचे
जाते हैं। इस लिहाज से कहें तो जो मुफ्त पॉर्न साइट देखने को मिलती है,वो धड़ल्ले से ट्रैफिक,एड और तमाम उत्पादों के जरिए भी मोटा पैसा बना
रही होती है बहुत सी पॉर्न साइट मुफ्त के आगे प्रीमियम सामग्री परोसती हैं। जो
सबसे ज़्यादा देखी जाती हैं। इनमें एचडी वीडियो,कोई विज्ञापन,असीमित डाउनलोड,ऑनलाइन लाइव
कैम स्ट्रीमिंग आदि शामिल हैं।
जो लोग पॉर्न पर पैसा खर्च करते हैं वे अपनी
मनमर्ज़ी का पॉर्न देख सकते हैं। दुनियाभर में जब लाखों लोग प्रीमियम सेवाएं खरीदते
हैं तो ये लाभदायक बिजनेस में तब्दील हो जाता है। वास्तव में यही हो भी रहा है।
प्रीमियम के शुल्क अलग अलग हैं। कुछ बेहद मामूली और कुछ ज्यादा लेकिन जब बड़े
पैमाने पर लोग इन सेवाओं को लेते हैं तो इनकी होस्ट कंपनी मुनाफे में चलने लगती
है। पोर्न साइटें चलाने वाले बेहद स्मार्ट हैं। वे दैनिक,साप्ताहिक,मासिक,त्रैमासिक और यहां तक कि वार्षिक शुल्क चुनने के
कई विकल्प प्रदान करते हैं। डीलर्स और स्टार्स पॉर्न साइट से संपर्क साधते हैं।
लोगों की नजर साइट के व्यूज और विजिटर्स पर रहती है। ज्यादा ट्रैफिक वाली साइट
विज्ञापनदाता की फेवरेट होती है।
साइट का ट्रैफिक जितना ज्यादा उतनी ज्यादा कमाई।
यूजर्स को कुछ पॉर्न साइट्स पर साइन इन होने के लिए पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं।
हालांकि साइट्स की तरफ से कुछ चुनिंदा लोगों को छूट भी मिलती है। इस छूट को बाजार
की भाषा में मेंबरशिप चार्ज के तौर पर जाना जाता है। इस तरह से साइट कमाई करती
रहती है। इस तरह विज्ञापन के अलावा यूजर्स के जरिए भी पॉर्न साइट्स कमाई कर ले
जाती हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक ही वर्ग के लोग पोर्न देखते हैं। हर वर्ग के
लोग अलग अलग मंचों के जरिए पोर्न देखते हैं।
उदाहरण के तौर पर एक्स विडियोज जो कि दुनिया की सबसे बड़ी पॉर्न साइट है उस
पर 4 अरब का पेज व्यू आता है। दुनिया भर में औसतन पॉर्न देखने वालों में 24 फीसदी
महिलाएं ही होती हैं।



