Archive for 09/26/18
शर्मनाक किन्तु सत्य....क्या है तहर्रुश गेमिया…..?
अरब के देशो मे एक खेल के रूप मे इसे खेला जाता है। तहर्रुश गेमिया अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है संयुक्त रुप से छेड़छाड़। इस खेल में युवा सार्वजनिक स्थान पर अकेली लड़की को निशाना बनाते हैं। झुंड में ये लड़के या तो लड़की के साथ शारीरिक रुप से छेड़छाड़ करते हैं या फिर उसका बलात्कार करते हैं। अरब के कुछ देशों में ऐसा आज भी ऐसी परंपरा होती है और इसे वहां तहर्रुश गेमिया के नाम से जाना जाता है। सुनने में किसी अन्य खेल की तरह लगे लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि सार्वजनिक स्थलों पर खेले जाने वाले इस खेल में एक अकेली लड़की के साथ बाक़ायदा सामूहिक बलात्कार किया जाता है।
ये एक ऐसी घिनौना परंपरा है जो अरब देशों से निकलर यूरोप में भी पैर पसार रही है। सबसे पहले लड़के एक घेरा बनाकर अकेली लड़की को घेर लेते हैं फिर अंदर वाले घेरे में मौजूद लड़के लड़की का यौन शोषण करते हैं जबकि बाहरी घेरे वाले लड़के भीड़ को दूर रखते हैं। 2011 में मिस्र में पहली बार ये घिनौना खेल देखा गया था। ये अमानवीय खेल अब यूरोप में जड़े जमाने लगा है। नये साल पर जर्मनी में कई जगह ऐसी घटनाओं के होनी की ख़बर मिली है।
बताया जाता है कि ये लोग जर्मनी के नहीं किसी अन्य देश के थे। पुलिस को अंदेशा है कि ये 'तहर्रुश गेमिया' ही था जो अब यहां भी शुरु होगया है। ये एक धटना कोलोन की है जहां भीड़ पर पहले पटाखे छोड़े गये फिर नशे में धुत्त अरब या उत्तरी अफ़्रीकी लोगों ने महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की। आश्चर्य की हात ये है कि पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही। उसका कहना है कि भीड़ को संभालने के लिये पुलिस बल नाकाफी था।
कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल की संयोजक दिव्या स्पंदना के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज.....
कांग्रेस की पूर्व सांसद
और सोशल मीडिया सेल की संयोजक दिव्या स्पंदना ने पिछले मंगलवार को पीएम मोदी का एक
पुराना वीडियो शेयर करते हुए उनकी शिक्षा पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस सोशल
मीडिया सेल के हेड को उस दौरान ट्विटर पर ट्रोल होना पड़ा था। उनकी पोस्ट पर
प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने वीडियो को ही अधूरा और फर्जी करार दे दिया था। हाल
ही की घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक ट्वीट करने पर दिव्या
स्पंदना के खिलाफ राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर थाने में देशद्रोह के आरोप में
प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
क्षेत्राधिकारी चक्रेश मिश्रा के अनुसार विवेकखंड
निवासी अधिवक्ता सैय्यद रिजवान अहमद की तहरीर पर मंगलवार को दिव्या के खिलाफ
देशद्रोह व आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच साइबर सेल को सौंप
दी गई है। अधिवक्ता सैय्यद रिजवान अहमद की तहरीर के मुताबिक नई दिल्ली की दिव्या
ने सोमवार दोपहर पीएम मोदी की फोटो पोस्ट करते हुए आपत्तिजनक ट्वीट किया था। इस
पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर इसकी कड़ी निंदा की है।अधिवक्ता
का कहना है कि इस ट्वीट से पीएम व भारत सरकार के प्रति देशवासियों में घृणा व
अवमानना की भावना पैदा करने की कोशिश की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता के साथ किए कुछ बदलाव.....?
आधार पर फैसला देने वाली प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति भूषण भी शामिल थे। न्यायमूर्ति भूषण ने अपने फैसले में कहा कि आधार निगरानी के लिए रूपरेखा तैयार नहीं करता है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने बुधवार को आधार मामले में अपना फैसला अलग से पढ़ा जिसमें बहुमत के फैसले से सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार योजना की खामियों को दूर करने में सक्षम हैं। बहुमत का पहला निर्णय संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने न्यायमूर्ति सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अपनी ओर से फैसला पढ़ा। इसमें पीठ ने केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया,लेकिन उसने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया।
पैन कार्ड से आधार लिंक करना अनिवार्य है,लेकिन यूजीसी, एनईईटी और सीबीएसई परीक्षाओं और स्कूल एडमिशन में यह जरूरी नहीं है। इसके अलावा बैंक खाता खोलने, नई सिम खरीदने और प्राइवेट कंपनियों आधार की मांग नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को खत्म कर दिया है। जिसके बाद प्राइवेट कंपनियां अब आधार नहीं मांग सकती। आधार के साथ पैन को जोड़ना, आईटी रिटर्न दाखिल करने और स्थायी खाता संख्या आवंटित करने के लिए अनिवार्य, सरकारी योजना लाभों का लाभ उठाने के लिए आधार अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार प्राइवेसी में दखल लेकिन उसकी जरूरत को भी देखना होगा। मौलिक अधिकारों पर कुछ अंकुश भी संभव। 99.76 फीसदी लोगों को सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता। बॉयोमेट्रिक की सुरक्षा के पुख्ता उपाय की जरूरत है।
59 मिनट मे 1 करोड़ का लोन की सुविधा..... वित्त मंत्री अरुण जेटली

एक बार MSME द्वारा ऑनलाइन फॉर्म भरने और जरूरी जानकारियां देने के बाद एक सिंगल गेटवे के जरिए दी गई जानकारियों की जांच कंपनी मामलों के मंत्रालय और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के साथ की जाएगी। SIDBI ने एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और विजया बैंक के साथ मिलकर यह पोर्टल बनाया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में कई और बैंक इस पोर्टल से जुड़ेंगे। जीएसटी और टैक्स रिटर्न के साथ ऑनलाइन लोन अप्रूवल को इसलिए जोड़ा गया है ताकि सरकार उन्हें (MSME) आगे बढ़ा सके जो अब औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं।
नाना पाटेकर ने एक्ट्रेसस को मारा है, उनका यौन उत्पीड़न किया.....तनुश्री दत्ता
पूर्व मिस इंडिया रह चुकी एक्ट्रेस तनुश्री ने इस इंटरव्यू में खुलासा किया है कि कैसे इंडस्ट्री के सब लोग सारी बात जानते हुए भी चुप्पी साधे रहे। तनुश्री ने एक एंटरटेनमेंट चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा, हर कोई जानता है कि नाना पाटेकर महिलाओ के साथ कैसे अभद्रता का व्यवहार करता है। इंडस्ट्री का हर शख्स इसके पीछे की कहानी जानता है कि उसने एक्ट्रेसस को मारा है, उनका उत्पीड़न किया है। महिलाओं के प्रति उसका व्यवहार हमेशा से ही काफी क्रूर रहा है लेकिन कभी किसी मीडिया ने इसके बारे में नहीं दिखाया। 10 साल पहले तनुश्री ने अपनी फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' के एक गाने के दौरान दिग्गज एक्टर नाना पाटेकर पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
2009 में उठे इस विवाद के बाद तनुश्री फिल्मों से दूर हो गई थीं, लेकिन अब अपने एक ताजा इंटरव्यू में तनुश्री ने इस किस्से का फिर से जिक्र करते हुए इंडस्ट्री की तरफ से कोई मदद न मिलने की बात कही है। निजी चैनल के इंटरव्यू में तनुश्री ने कहा, मैं नाम भी लेना चाहती हूं, एक्टर नाना पाटेकर, प्रोड्यूसर सामी सिद्दीकी, डायरेक्टर राकेश सारंग और कॉरियोग्राफर गणेश आचार्य। नाना पाटेकर ने जब मेरे साथ बद्तमीजी की तो मैंने इसकी शिकायत प्रोड्यूसर-डायरेक्टर से की कि इस बंदे (नाना पाटेकर) का तो सेट पर काम ही नहीं है तो यह यहां क्या कर रहा है। वह मुझे पकड़कर खींच रहा है, मुझे डांस सिखा रहा है,लेकिन बजाए मेरी शिकायत सुनने और उसे सही करने के, नाना पाटेकर ने एक और डिमांड रख दी कि वह अब इस गाने में मेरे साथ एक इंटीमेट डांस स्टैप करना चाहता है। मतलब लड़की नई एक्ट्रेस है तो जरूरत हो या न हो, उसके साथ इंटीमेट सीन कर लो। आगे बालते हुए तनुश्री ने कहा, हीरोइनों के रोल की कास्टिंग होती है तो वो एक्टर करते हैं, कास्टिंग डायरेक्टर सिर्फ बाकी के साइड के किरदारों की कास्टिंग करता है। जो टॉप लीड की एक्ट्रेस होगी, उसे सिर्फ एक्टर ही कास्ट करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि अगर अक्षय कुमार और रजनीकांत जैसे बड़े एक्टर भी उसके साथ काम करते हैं तो हम यहां बदलाव की आखिर क्या उम्मीद कर सकते हैं? तनुश्री के मुताबिक, लोग आपस में नाना की हरकतों को लेकर दबे लफ्ज़ों में कानाफूसी करते थे कि वह ऐक्ट्रेसेस पर हाथ उठाते हैं और उन्हें प्रताड़ित भी करते हैं। इसके साथ ही तनुश्री ने कहा कि इंडस्ट्री को पता है कि महिलाओं के साथ नाना का ऐटिट्यूड और व्यवहार कैसा है, लेकिन कभी भी किसी पब्लिकेशन ने इस बारे में छापने की हिम्मत नहीं की। वहीं तनुश्री ने दुनियाभर में चल रहे महिलाओं के यौन शोषण की घटनाओं से जुड़े कैंपेन #MeToo पर एक अन्य चैनल से बालते हुए कहा कि यह कैंपेन भारत तब तक नहीं पहुंच सकता, जब तक हर कोई इसे नहीं मानेगा।
ऑनलाईन दवाईया मरीजो की कर रही लाईफ-ऑफ....NDCDA
ऑनलाइन स्टार्टअप्स ई-फार्मेसी के चलते केमिस्टों का ट्रेडिशनल बिजनेस अस्तव्यस्त हो गया है। ऐसे में देशभर के केमिस्टों ने नागपुर डिस्ट्रिक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोसिएशन [NDCDA] के बैनर तले 27/9/18 रात 12 बजे से 28/9/18 रात 12 बजे एक दिन दुकानें सांकेतिक बंद करने फैसला लिया है। उनका आरोप है कि ये ऑनलाइन कंपनियां दवाओं का गैरकानूनी बिजनेस कर रही हैं। ट्रेडिशनल दवा रिटेलर्स ई-कॉमर्स का विरोध कर रहे हैं। वहीं, ई-फार्मेसी स्कैन्ड प्रेस्क्रिप्शंस पर ही दवाएं बेच सकती हैं। मौजूदा नियमों के मुताबिक अभी तक रिटेलर्स और होलसेलर्स जितनी भी दवाएं बेचते हैं, उन सभी के लिए उन्हें राज्य सरकारों से लाइसेंस लेना पड़ता है। ऐसे में यह साफ नहीं हो पाया है कि ऑनलाइन रिटेलर्स को भी अपने पोर्टल के जरिए बेची जाने वाली दवाइयों के लिए राज्यों सरकारों के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा या नहीं।
इनमें नींद या बेहोशी की गोलियां, यौनशक्ति बढ़ाने का दावा करने वाली दवाएं, वजन कम करने या बाल उगाने वाली दवाएं शामिल हैं जो बिना डॉक्टरी सलाह के लेने पर नुकसान पहुंचा सकती हैं। कई वेबसाइट प्रिस्क्रिप्शन स्कैन कर अपलोड करने पर ही दवाएं देती हैं,लेकिन भला उस प्रिस्क्रिप्शन की वैधता वेबसाइट कैसे जांचेगी। एक ही पर्चा कई वेबसाइट पर अपलोड कर थोक में दवाएं ऑर्डर करने वालों को कैसे रोका जा सकेगा, ये सवाल अनुत्तरित हैं। सबको वक्त पर दवाएं मिल जाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए क्वॉलिटी, कॉस्ट और एक्सेस जरूरी है। ई-फार्मेसी यह पक्का कर सकती हैं कि जरूरतमंदों को समय पर दवाएं मिलें।
उनकी पहुंच दूरदराज के इलाकों में भी होगी। इसलिए सही ई-फार्मेसी पॉलिसी बनाना अहम है। इसमें ट्रेडिशनल ड्रग रिटेलर्स को बराबरी का मौका दिया जाना चाहिए। इसी के चलते देशभर के केमिस्टों ने नागपुर डिस्ट्रिक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोसिएशन [NDCDA] के बैनर तले 27/9/18 रात 12 बजे से 28/9/18 रात 12 बजे एक दिन दुकानें सांकेतिक बंद करने फैसला लिया है। पत्र परिषद के माध्यम से यह सारी जानकारी NDCDA के अध्यक्ष राजेन्द्र कावडकर,सचिव हेतल ठक्कर,हरीश गणेशानी,शैलेश गहलोत ने दी।