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सरकारी तंत्र दो चार लोगों के अधीन है विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है..... शिवसेना मुखपत्र सामना
Posted by : achhiduniya
02 January 2019
केंद्र और महाराष्ट्र
में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने आरोप लगाया कि राजनीतिक
विरोधियों के खिलाफ सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। अगुस्टा
वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत ने
पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में मिशेल को अपने वकील से मिलने पर रोक
लगा दी थी। अदालत ने यह कदम तब उठाया जब एजेंसी ने कहा कि मिशेल कानूनी सुविधा का
दुरुपयोग करते हुए वकीलों को चिट दे रहा है और श्रीमती गांधी से संबंधित प्रश्नों से निपटने के बारे में राय
मांग रहा है। मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
उसने मिशेल की हिरासत
अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए दिए गए अपने आवेदन में यह भी दावा किया था कि मिशेल
ने पूछताछ के दौरान ‘एक इतालवी महिला के पुत्र’ के बारे में बताया और यह भी कहा कि किस तरह वह
देश का अगला प्रधानमंत्री बनने जा रहा है।शिवसेना ने अपने आरोप में कहा, जब मिशेल का दुबई से प्रत्यर्पण हुआ था, उस वक्त पांच राज्यों में चुनाव प्रचार चल रहा था
और बीजेपी खुद ही परेशान थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ चुनावी रैलियों में
इस बिचौलिए का जिक्र किया था और दावा किया था कि कुछ धमाकेदार खुलासे होंगे और वह
किसी को भी नहीं बख्शेंगे। अब हमें समझ आ रहा है कि उनका इशारा किस ओर था। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा, मिशेल के खिलाफ जांच शुरू होने से पहले ही मोदी
का गांधी परिवार की ओर संकेत करना हास्यास्पद है और इससे स्पष्ट है कि जांच की
दिशा क्या है। बीजेपी मिशेल के प्रत्यर्पण के बावजूद हार गई।
यह कहा जा सकता है कि
मिशन मिशेल का उद्देश्य 2019 है। संपादकीय में कहा गया है,सरकारी तंत्र दो चार लोगों के अधीन है और
राजनीतिक विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। लोकसभा
चुनाव से पहले राहुल और सोनिया गांधी को घेरने की कोशिश। सामना में कहा गया है, यह 2019 के
चुनाव से पहले सोनिया गांधी और उनके बेटे को घेरने की कोशिश है और क्वात्रोची के
बाद अब देश में मिशेल पुराण शुरू हो जाएगा। शिवसेना ने
आगे कहा है, अगर कांग्रेस सत्ता में रहती तो बीजेपी
नेताओं के नाम आरोपियों की सूची में रहते। अब कांग्रेस इसी तरह के आरोप लगा रही
है। सरकारी मशीनरी पर कुछ लोगों का नियंत्रण है और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ
इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।


