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- CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा कल हुए बहाल आज हुए बाहर..
Posted by : achhiduniya
10 January 2019
सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा औैर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसके बाद उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था। वर्मा ने बुधवार को दोबारा पदभार संभालते हुए एम नागेश्वर राव द्वारा किए गए ज्यादातर तबादले रद कर दिए थे। राव वर्मा की अनुपस्थिति में अंतरिम सीबीआई प्रमुख नियुक्त किए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को उच्चस्तरीय सिलेक्शन कमिटी ने मैराथन बैठक कर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाने का बड़ा फैसला लिया। समिति के अन्य सदस्यों में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे। जस्टिस सीकरी देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की तरफ से उपस्थित हुए। यह अहम बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली और आखिरकार आलोक वर्मा पर ही गाज गिरी। वर्मा 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। सिलेक्शन कमिटी ने 2-1 से यह फैसला लिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फैसले का विरोध किया।
सूत्रों के मुताबिक जस्टिस सीकरी ने कहा कि आलोक वर्मा के खिलाफ जांच की
जरूरत है। गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही आलोक वर्मा
को उनके पद पर बहाल कर दिया था। वर्मा 1979 बैच के AGMUT काडर के आईपीएस अफसर हैं। सीबीआई के इतिहास में पहली बार है जब एजेंसी चीफ
के खिलाफ इस तरह का ऐक्शन हुआ है। CVC रिपोर्ट में वर्मा पर
8 आरोप लगाए गए थे, जिसे कमिटी के समक्ष रखा गया था। रिपोर्ट
के मुताबिक आलोक वर्मा को फायर सेफ्टी विभाग का DG बनाया गया
है। अधिकारियों ने बताया कि भ्रष्टाचार और अपने कर्त्तव्यों की उपेक्षा करने के
आरोप में CBI डायरेक्टर वर्मा को हटाया गया। कुछ अधिकारियों
ने कहा है कि वर्मा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में
पोस्टिंग दी जा सकती है।

