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- क्या अपना वजूद बचाने के लिए राज ठाकरे का साथ चाहते हैं....कांग्रेस-एनसीपी
Posted by : achhiduniya
30 July 2019
लोकसभा चुनावो में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने लगातार कांग्रेस और एनसीपी
के नेताओं के लिए तमाम सारी रैलियां की हालांकि उन रैलियों का कोई पॉजिटिव रिजल्ट
नहीं आया,लेकिन कांग्रेस एनसीपी को लगता है कि राज
ठाकरे को साथ रखने से कहीं न कहीं महाराष्ट्र की सियासत में उनका वजूद बचा रह सकता
है। 2019 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले जिस
तरीके से कांग्रेस और एनसीपी के नेता बीजेपी और शिवसेना का दामन थाम रहे हैं, उससे कहीं न कहीं कांग्रेस, एनसीपी को किसी ऐसे साथी की जरूरत आन पड़ी, जिसकी छवि कट्टर मराठी मानुष की हो और यही वजह है
कि इन दिनों कांग्रेस, एनसीपी और राज ठाकरे महाराष्ट्र की राजनीति
में हर पार्टियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बनते जा रहे हैं, भले ही
राज ठाकरे अपने एक भी विधायक नहीं जीता पाए
हों या फिर राज ठाकरे की पार्टी खुद भी गर्दिश में हो, लेकिन तमाम दूसरी पार्टियां खासकर कांग्रेस और
एनसीपी को राज ठाकरे के साथ रहकर अपना वोटबैंक बनाए रखने की गणित समझ में आने लगी
है। उन्हें लगता था कि नॉन मराठी वोट बैंक उनसे खिसक जाएगा लेकिन जिस तरीके से
लोकसभा चुनाव में गैर मराठी वोट कांग्रेस और एनसीपी के बजाय बीजेपी और शिवसेना को
गया है। कहीं न कहीं अब कांग्रेस एनसीपी को लगता है कि मराठी वोट बैंक को बचाए
रखने के लिए राज ठाकरे की लड़ाकू और मराठी मानुष की छवि को भुनाया जा सकता है और
यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां राज ठाकरे से अलग-अलग मीटिंग कर रही हैं।
एनसीपी
नेता अजीत पवार और एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने भी राज ठाकरे के साथ
मुलाकात की है। हालांकि इस मुलाकात के पीछे की वजह नहीं उन्होंने नहीं बताई है,लेकिन उन्होंने साफ-साफ कहा है कि आने वाले समय
में महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ नया होने वाला है यानी साफ है कि बीजेपी
शिवसेना के डर से जिस राज ठाकरे से कांग्रेस एनसीपी दूरी बना रही थीं, उसी राज ठाकरे के जरिए अब अपना वोट बैंक बचाने की
तैयारी कर रही हैं।