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- प्रारम्भिक 5 वर्ष परमानेंट नहीं होंगे कर्मी,एक परमानेंट गवर्नमेंट एम्प्लाई बनने के लिए दिखानी होगी कार्य कुशलता...योगी सरकार का फरमान
प्रारम्भिक 5 वर्ष परमानेंट नहीं होंगे कर्मी,एक परमानेंट गवर्नमेंट एम्प्लाई बनने के लिए दिखानी होगी कार्य कुशलता...योगी सरकार का फरमान
उत्तर प्रदेश सरकार का कार्मिक विभाग एक प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष लाने के लिए की तैयारी कर रहा है। इस प्रस्ताव को लेकर सभी सरकारी विभागों से राय मशविरा भी शुरू कर दिया गया है। सरकार के मुताबिक राज्य कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने और उनमें नैतिकता, देशभक्ति एवं कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास करने तथा वित्तीय व्ययभार कम करने के उद्देश्य से नई व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। इसे सरकारी विभाग समूह ख एवं ग के पदों पर नियुक्ति (संविदा पर) एवं विनियमितीकरण नियमावली, 2020 कहा जाएगा। जिसके तहत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव पर विचार कर रही है अगर प्रस्तावित नई व्यवस्था लागू होती है तो, समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की नौकरियों में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों को शुरुआती पांच वर्ष तक संविदा नियुक्ती मिलेगी यानी नौकरी के शुरुआती 5 वर्ष तक अभ्यर्थी नियमित नहीं होंगे। इस दौरान उन्हें सेवा संबंधी वे सारे
लाभ नहीं मिलेंगे, जो एक परमानेंट गवर्नमेंट एम्प्लाई को मिलते हैं। इन पांच वर्षों के दौरान संविदा कर्मियों के काम का मूल्यांकन किया जाएगा और जो उपयुक्त मिलेंगे उन्हें परमानेंट किया जाएगा, जो नहीं मिलेंगे उनकी छंटनी होगी। मूल्यांकन हर छह महीने पर होगा। इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले कर्मी सेवा से बाहर होते रहेंगे, जो पांच वर्ष की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी। वर्तमान में राज्य सरकार अलग-अलग