- Back to Home »
- National News »
- जहां का राजा व्यापारी, वहां की जनता भिखारी…..कृषि विधेयक पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष हुआ लामबंध..
Posted by : achhiduniya
25 September 2020
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि किसान विरोधी इस बिल को पास करने के दौरान संसद में किसान और संविधान का गला घोट दिया है। इन बिलों के विरोध में कांग्रेस अब सड़क से संसद तक यह लड़ाई लड़ेगी। कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस ने देश भर में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस की प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। अशोक गहलोत ने इन बिलों को किसान विरोधी और मंडी व्यवस्था को खत्म करने वाला बिल करार
दिया। अशोक गहलोत ने कहा देश में एनडीए सरकार एकतरफा फैसले ले रही है। इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी का हश्र पूरा देश देख चुका है। यही स्थिति कृषि बिलों को लेकर है। सदन में जो कुछ हुआ वह सबके सामने हैं। किसी से भी कोई चर्चा नहीं की गई है,न डिवीजन हुआ यानी एक तरीके से केंद्र सरकार अपनी मनमानी के जरिए देश के किसान को बर्बाद करने पर तुली हुई है। गहलोत ने कहा कि राज्य में जिन कृषि मंडियों को बनने में 40 साल लग गए. उन्हें एक झटके में उखाड़ फेकने का निर्णय है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने काला कानून बताते हुए देश के किसानों के ऊपर इसे थोपने का आरोप लगाया। प्रोजेक्ट भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में
मुख्यमंत्री ने केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केन्द्र राज्यों के अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से इस संबंध कोई सुझाव तक नहीं मांगा गया। बीजेपी शासित राज्यों ने भी कृषि नीति को लेकर समर्थन नहीं दिया होगा। कृषि नीति में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे किसानों का कोई हित नहीं होगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के दौरान यदि कॉन्ट्रैक्ट टूट जाय तो किसान न्यायालय का चक्कर लगाते रहेंगे और बेबश होकर किसान
आत्महत्या करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस देश का राजा व्यापारी होता है। उस देश की जनता भिखारी होती है। केन्द्र की कृषि नीति के खिलाफ लोग उलगुलान करेंगे। यह कृषि नीति किसानों के हित में नहीं है। पहले मौसम की मार किसान झेलते थे, अब कृषि नीति से किसान परेशान होंगे। आखिर अन्नदाता कहां जाएंगे। 'जहां का राजा व्यापारी, वहां की जनता भिखारी।