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सेक्स-यौन सुख और खाना वह दिव्य आनंद है जो ईश्वर से मिलाता है….पोप फ्रांसिस ने इंटरव्यू में जाहीर किया सेक्स के प्रति अपना दृष्टिकोण
Posted by : achhiduniya
12 September 2020
कैथोलिक चर्च के प्रगतिशील धर्मगुरुओं में से एक
रहे पोप फ्रांसिस ने लेखक कार्लो पेट्रिनी की किताब TerraFutura के लिए दिए इंटव्यू में कही। उन्होंने भोजन और सेक्स पर चर्च के
अतीत में दिए विचारों की निंदा करते हुए कहा इसे अत्यधिक नैतिकता करार दिया, जिसने बहुत नुकसान पहुँचाया, जो आज
भी दृढ़ता से महसूस किया जा सकता है। पॉप ने कहा कि सेक्स और भोजन ऐसा दिव्य आनंद है, जो सीधा ईश्वर तक पहुंचाता है। पोप
फ्रांसिस ने कहा कि खाने का आनंद आपको स्वस्थ रखने के लिए है, ठीक उसी तरह जैसे कि यौन सुख प्यार को और अधिक सुंदर बनाने और
स्पीशिज को जारी रखने की गारंटी देने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि इसके विपक्षी
विचारों ने बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिसे आज
भी कुछ मामलों में महसूस किया जा सकता है। उन्होंने कहा खाने का आनंद और यौन सुख
ईश्वर से मिलाता है। पोप फ्रांसिस का सेक्स के प्रति दृष्टिकोण धीरे-धीरे वर्षों
में विकसित हुआ है। साल 2016 में उन्होंने सेक्स के आनंद
को स्वीकार किया और कहा कि विवाहित जोड़ों को अपनी शादी के दौरान उस आनंद को
बरकरार रखने करने की आवश्यकता है। 2018 में उन्होंने युवा फ्रांसीसी लोगों से सेक्स को आजीवन एक पुरुष और एक महिला के बीच
भावुक प्रेम का संकेत बताया था। अर्जेंटीना के जॉर्ज बर्गोग्लियो में जन्म लेने
वाले पोप फ्रांसिस
ने कहा कि अति उत्साही नैतिकता के लिए कोई जगह नहीं थी जो प्लेजर से इनकार करती
है। अतीत में चर्च में कुछ मौजूद था,लेकिन
क्रिश्चियन मैसेज का गलत व्याख्या है। बुधवार को प्रकाशित किताब "TerraFutura,
conversations with Pope Francis on integral ecology" को पेट्रिनी ने लिखा है जो "फास्ट फूड" के विरोध में 1980 के दशक में शुरू किए गए वैश्विक "स्लो फूड" आंदोलन के
फाउंडर हैं। किताब के इंटरव्यूज में पोप के पर्यावरण के विजन के साथ सोशल फेस पर फोकस
किया गया है।