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- बैन के बावजूद पैर पसारता पॉर्न फिल्मों का नशीला कारोबार
टैक्नोलौजी में बदलाव के साथ साथ पोर्न फिल्मों के कारोबार में भी बदलाव आया है। आज इंटरनैट, सीडी और मोबाइल फोन के जरीए पोर्न फिल्मों का मजा देश के हर तबके के लोग ले रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक, इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाले 80 फीसदी लोग कभी न कभी पोर्न फिल्में जरूर देखते हैं। 60 फीसदी लोग इस के पक्के दर्शक हैं। 20 फीसदीलोग इंटरनैट से पोर्न फिल्मों की खरीदारी करते हैं। ज्यादातर लोग इंटरनैट पर ऐसी फिल्में देखते हैं, जिन के लिए उन को अलग से पैसा देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ज्यादातर
हिंदुस्तानी दर्शक विदेशी पोर्न फिल्मों को पसंद करते हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो देशी पोर्न फिल्में देखने के आदी हैं। यही वजह है कि इंटरनैट पर देशी पोर्न फिल्मों की अलग साइटें तैयार होने लगी हैं। अभी तक ज्यादातर देशी पोर्न फिल्में चोरीछिपे बनती थीं, जिन की फोटोग्राफी अच्छी नहीं होती थी। अब हिंदुस्तानी लड़के लड़कियों को ले कर विदेशों में फिल्में बनने लगी हैं। इन को सीडी और इंटरनैट के जरीए बेचा जा रहा है। मुंबई में चोरी छिपे पोर्न फिल्में बनाने वाले भारतीय फिल्मकारों के लिए अब विदेशों में यह काम करना आसान हो गया है। एक ऐसे ही फिल्मकार का कहना है,अब पोर्न
फिल्मों में काम करने से देशी लड़कियों को कोई परहेज नहीं है। कुछ शादीशुदा लड़कियां भी इस के लिए तैयार होती हैं। देश के तमाम हिस्सों से मुंबई में काम की तलाश में आने वाली कुछ लड़कियां ऐसी फिल्मों में काम कर के पैसे कमाना चाहती हैं। सनी लियोनी के बाद इन को लगता है कि देश के लोग इन्हें भी इज्जत की नजर से देख सकते हैं। ये लड़कियां विदेशों में पोर्न फिल्मों की शूटिंग को तवज्जुह देती हैं। देशी पोर्न फिल्मों में कालगर्ल भी काम करने को तैयार हो जाती हैं। इन में से ज्यादातर को अपना चेहरा दिखाने से कोई गुरेज भी नहीं होता है। ये विदेशी पोर्न फिल्में देख कर देशी
पोर्न फिल्में तैयार कर लेती हैं। देशी पोर्न फिल्मों का एक बड़ा क्षेत्र बैंकौक बन गया है। वहां पर देशी लड़कियों को ले कर पोर्न फिल्में तैयार हो रही हैं। इन लड़कियों को केवल शूटिंग करने के लिए ही बैंकौक भेजा जाता है। ऐसी पोर्न फिल्मों की बड़ी मांग अपने देश के अलावा पाकिस्तान, अरब देशों और नेपाल में होती है। अरब देशों में पोर्न फिल्मों की शूटिंग भले ही न होती हो, पर वहां पर भी पोर्न फिल्मों की मांग सब से ज्यादा है। वे लोग पोर्न फिल्में खरीदने के लिए पैसा भी
खर्च करते हैं। कौमार्य भंग होती पोर्न फिल्मों की ज्यादा मांग अरब देशों में होती है। इस के साथ ही वहां सेक्स के दूसरे क्रूर तरीके दिखाने वाली फिल्में भी देखी जाती हैं। ऐसे में अरब देश की औरतों के किरदार निभाने के लिए भी भारतीय लड़कियों का सहारा लिया जाता है। इन को मेकअप और कपड़ों से अरब देश की औरतों का लुक भी देने की कोशिश की जाती है। भारतीय लड़कियां टूरिस्ट वीजा ले कर विदेशों में जाती हैं। वहां पोर्न फिल्मों की शूटिंग कर के वापस चली आती हैं। इंटरनैट पर
पोर्न फिल्मों के सहारे तमाम तरह के दूसरे सेक्स के सामान बेचने का सहारा भी लिया जाता है। इन के लिए पोर्न फिल्मों की साइटें सब से बड़ा सहारा बन गई हैं। इन सैक्सी इतिश्हारों में मर्द के अंग को लंबा और मोटा करने के लिए दवा, सैक्सी बातचीत करने वाली लड़कियों का प्रचार, पोर्न फिल्मों के कुछ सीन दिखा कर पूरी फिल्में और सैक्सी खिलौने बेचने का काम खूब होता है। इस के अलावा 40 साल के बाद की उम्र के लोग भी पोर्न फिल्मों का पूरा मजा लेते हैं। अब लड़के ही नहीं लड़कियां भी इन को