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- पटाखों का अविष्कार कैसे हुआ...कैसे उसमें रंग भरे गए और माइक्रोवेव ओवन,पेसमेकर,लाफिंग गैस...?
Posted by : achhiduniya
02 October 2020
पेसमेकर का आविष्कार संयोग से ही 1956 में हुआ
था। विल्सन ग्रेटबैचन वह इंसान के दिल की आवाज को रेकॉर्ड करने और उस पर नजर रखने
के लिए एक डिवाइस पर काम कर रहे थे उन्होंने गलती से अपनी डिवाइस में एक
ट्रांजिस्टर डाल दिया। उनको यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वह डिवाइस हार्टबीट को
रेकॉर्ड नहीं कर रही थी बल्कि उससे धड़कन पैदा हो रही थी। उस समय दिल के मरीज को
गले में डिवाइस लटकानी पड़ती थी जिससे कि धड़कन चलती रहे। ग्रेटबैच के आविष्कार को
शरीर के अंदर लगाया जा सकता था जो सुविधाजनक भी था। पहला पेसमेकर 1958 में एक
कुत्ते को लगाया गया था। उसकी धड़कन को पेसमेकर ने सफलतापूर्वक और बगैर किसी
दिक्कत के नियंत्रित किया। 1826 ईस्वी में जॉन वॉकर नाम के इंग्लैंड के
रसायनशास्त्री अपने लैब में काम कर रहे थे। उन्होंने देखा कि कुछ केमिकल्स का
थोड़ा सा हिस्सा एक स्टिक से चिपक गया है। जब उन्होंने स्टिक से केमिकल को हटाना
शुरू किया तो दबाव पड़ने के बाद उससे आग की लौ निकली। उन्होंने इस पर प्रयोग किया
और मैच स्टिक के ऊपरी हिस्से में सल्फर आधारित कंपाउंड का लेप चढ़ाया और एक रफ
पेपर पर फॉस्फोरस की कोटिंग की। जब मैच स्टिक को पेपर पर रगड़ते थे उससे लौ निकलती
थी। इस तरह से मैच स्टिक का आविष्कार हुआ। आज के समय में जो मैच स्टिक इस्तेमाल
होती है उसमें लाल फॉस्फोरस के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है। करीब 2,000 साल
पहले चीन के एक रसोइये ने अनजाने में पटाखे का आविष्कार कर दिया था। उन्होंने
सल्फर, पोटैशियम नाइट्राइल और चारकोल को मिलाकर चूल्हे पर रख दिया।
गर्मी मिलने के बाद रसायन के उस मिश्रण में विस्फोट होने लगा। चीन में उसे फायर
केमिकल का नाम दिया गया। धीरे-धीरे लोगों ने प्रयोग के साथ यह जान लिया कि जब वे
उस मिश्रण को बांस के टुकड़े के अंदर दबाते हैं तो विस्फोट होता है। इस तरह से
पटाखों का आविष्कार हुआ। फिर कई प्रयोगों के बाद उनको पता चल गया कि वे इन पटाखों
को हवा में भी उड़ा सकते हैं। चीन में इसे शादी और दाह संस्कार के अवसर पर
इस्तेमाल किया जाता था। उनका मानना था कि इससे बुरी आत्माएं भाग जाती हैं। मार्कोपोलो
चीन से इस आविष्कार को मध्य पूर्व के