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- कैसे की जाती है राहुकाल की गणना,क्यू है राहु काल अशुभ....?
Posted by : achhiduniya
24 November 2021
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहुकाल जगह और तिथि के साथ अलग-अलग
होता है। इसका मतलब यह है कि अलग-अलग जगह के लिए राहुकाल बदलता रहता है। यह अंतर
समयक्षेत्र में अंतर की वजह से होता है। राहुकाल क्या होता है, इसकी गणना कैसे होती है और राहुकाल को लेकर क्या मान्यताएं हैं।
राहुकाल क्या होता है?:- सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक
आठवें भाग का स्वामी राहु होता है। राहु को असुर और छाया ग्रह माना गया है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर दिन 90 मिनट
का समय राहुकाल का समय होता है। मान्यता
है कि इस दौरान अगर कोई भी शुभ काम किया
जाय तो वह फलीभूत नहीं होता। राहु के अशुभ प्रभाव से देवी-देवता भी प्रभावित होते
हैं। राहुकाल के समय किसी भी तरह का मांगलिक कार्य आरंभ नहीं किया जाता। ज्योतिषाचार्य
के अनुसार किसी बड़े और शुभकार्य के शुरुआत के समय उस दिन के दिनमान का पूरा मान
घंटा मिनट में निकालें। उसे 8 बराबर भागों में बांटकर
स्थानीय सूर्योदय में जोड़ दें। आपको शुद्ध
राहुकाल का पता
चल जाएगा। जो भी दिन होगा, उस भाग को उस दिन का राहुकाल
मानें और इस काल को सभी शुभ कार्यों के आरम्भ के लिए वर्जित मानें, अन्यथा आपके कार्य
के सफल होने में बड़ी-बड़ी बाधाओं का सामना
करना पड़ सकता है। राहूकाल की इस गणना में सूर्योदय के समय को प्रात: 06:00 (भारतीय समयानुसार) बजे का मानकर एवं अस्त का समय भी सांयकाल 06:00 बजे का माना जाता है। इस प्रकार मिले 12 घंटों को बराबर आठ भागों में बांटा जाता है। इन बारह भागों में
प्रत्येक भाग डेढ़ घंटे का होता है। राहूकाल को सूर्य के उदय के समय व अस्त के समय
के काल को निश्चित आठ भागों में बांटने से ज्ञात किया जाता है। सोमवार को दूसरे
भाग में, मंगलवार को सातवे भाग में, बुधवार
को पांचवे भाग में, गुरुवार को छठे भाग में, शुक्रवार को चौथे भाग, शनिवार
को तीसरे भाग में, तथा रविवार
को आठवे भाग में होता है। यह प्रत्येक
सप्ताह के हर दिन एक निश्चित समय में ही होता है। प्रत्येक दिन के अनुसार किस समय
लगता है राहुकाल ? # सोमवार
को राहुकाल का समय- सुबह 07.30 से 9 बजे तक। # मंगलवार को राहुकाल का समय-
दोपहर 03.00 से 04.30 बजे तक। # बुधवार को राहुकाल का समय- दोपहर 12.00 से 01.30 बजे तक। # गुरुवार को राहुकाल का समय- दोपहर 01.30 से 3.00 बजे तक। # शुक्रवार को राहुकाल का समय- सुबह 10.30 से 12.00 बजे तक। # शनिवार को राहुकाल का समय- सुबह 9.00 से 10.30 बजे तक। # रविवार को राहुकाल का समय- शाम 04.30 से 6.00 बजे तक। किसी भी
नए काम को करने से पहले शुभ
मुहूर्त को नज़रअंदाज़ किया तो काम पूरे नहीं होते या फिर उसमें कई तरह की बाधाएं
आती हैं। बात करें शास्त्रों की तो जैसे शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं
वैसे ही एक समय ऐसा भी होता है जिसे अशुभ मुहूर्त माना जाता है। अशुभ मुहूर्त में कोई भी नया काम नहीं किया जाता। इस समय को हम राहूकाल के नाम से जानते हैं।