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- सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर कंगना रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज...
Posted by : achhiduniya
22 November 2021
राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में दिल्ली सिख गुरुद्वारा
प्रबंधन समिति {डीएसजीएमसी} एवं
शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कंगना 1984 के सिख विरोधी
दंगों का उल्लेख कर जानबूझकर सिखों को उकसाने का काम कर रही हैं। सिरसा ने कहा कि
वह इस सम्मान की पात्र नहीं हैं। वह भारत की मूल भावना का प्रतिनिधित्व नहीं करती
हैं, जो सभी के लिए सद्भाव और
अच्छाई पर आधारित है। सामाजिक भावनाओं
को ध्यान में रखते हुए किसानों, सिखों और स्वतंत्रता सेनानियों
का अपमान करने के लिए कंगना से पद्मश्री सम्मान को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। सिखों
के एक संगठन ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सिख समुदाय के खिलाफ
अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए सोमवार
को मुंबई में एक शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले संगठन ने रविवार को राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कंगना को दिया गया पद्मश्री सम्मान वापस लेने का
आग्रह किया
था। डीएसजीएमसी के मुताबिक, कंगना
सांप्रदायिक तौर पर नफरत फैलाने के अलावा एक धार्मिक समुदाय को निशाना बना रही हैं
और लगातार किसानों तथा स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही हैं। सोशल मीडिया पर
कथित रूप से देशद्रोही और अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर सिख संगठन ने शनिवार को
कंगना के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। खार पुलिस थाना के एक
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति {डीएसजीएमसी} से एक शिकायत प्राप्त हुई और
वह
इस पर गौर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता एवं
डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने
रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अधिकारी ने शिकायत के हवाले से बताया कि इसमें
डीएसजीएमसी ने उल्लेख किया कि कंगना ने जानबूझकर और इरादतन किसानों के विरोध को
खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित किया और सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी
भी
करार दिया। इसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1984 और उससे पहले हुए नरसंहार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा
गांधी की ओर से एक सुनियोजित कदम के रूप में बताया। अधिकारी ने कहा कि शिकायत में
आरोप लगाया गया है कि कंगना ने सिख समुदाय के खिलाफ बहुत अपमानजनक भाषा का
इस्तेमाल किया है, यहां तक कि उन्होंने कहा है कि सिखों को उनके
(इंदिरा गांधी के) जूतों के नीचे कुचल दिया गया था। इसमें यह भी कहा गया कि उनकी
ओर से दिया गया यह बयान