- Back to Home »
- Property / Investment »
- आधार कार्ड की तरह होगा हर घर का यूनीक आईडी नंबर....
Posted by : achhiduniya
28 November 2021
केंद्रीय संचार मंत्रालय के डाक विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हर मकान के लिए डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) बनाएगा, जो डिजिटल को-ऑर्डिनेट्स की
तरह काम करेगा। डाक विभाग ने इस बारे में आम लोगों और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव
आमंत्रित किए थे, जिसकी समयसीमा 20 नवंबर
को समाप्त हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में
करीब 35 करोड़ मकान हैं, जबकि
व्यापारिक और अन्य प्रतिष्ठान मिलाकर करीब 75 करोड़
भवन होंगे। डाक विभाग का लक्ष्य इन सभी के लिए 12 डिजिट
की यूनीक आईडी तैयार
करना है। हर घर का ऑनलाइन एड्रेस वेरिफिकेशन हो सकेगा। बैंक
में खाता खुलवाने से लेकर, टेलीफोन-बिजली कनेक्शन लेने के
लिए एड्रेस का प्रमाण नहीं देना होगा। नई व्यवस्था में हर मकान का एक अलग कोड होगा
अगर एक बिल्डिंग में 50 फ्लैट हों तो हर फ्लैट का
यूनीक कोड होगा। वहीं एक मंजिल पर दो परिवार रहते हैं तो उनका भी अलग-अलग कोड होगा।
जो भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स डिजिटल मैप के जरिये डिलीवरी करते हैं, उनके लिए आसानी होगी। वे डीएसी के
जरिये सटीक पते पर सामान
डिलीवरी कर पाएंगे। केवाईसी के लिए बैंक, बीमा
कंपनी के कार्यालय या अन्य जगहों पर नहीं जाना होगा। डिजिटल तरीके से ही ई-केवाईसी
हो सकेगी। कोई डाक हो, ऑनलाइन शॉपिंग से मंगाया गया
सामान हो, फूड डिलीवरी ऐप से मंगाया गया फूड आइटम हो या फिर ओला, उबर ऐप से बुक की गई टैक्सी इसी DAC यानी यूनीक कोड के जरिये सीधे आपके दरवाजे तक पहुंचेगा। गूगल
मैप्स की तरह
डिजिटल मैप सर्विस इसमें मदद करेगी। सैटेलाइट सिर्फ डीएसी के जरिये हर भवन की सटीक
लोकेशन बता सकेंगे। वहीं जहां डिजिटल मैप्स की सेवाएं उपलब्ध न हो, वहां आप अपना पूरा पता दर्ज कर सकते हैं। बदलाव केवल इतना होगा
कि आपको पिन कोड की जगह डीएसी दर्ज करना होगा।