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- 15 जनवरी तक 12 घंटे रहेगी धारा 144 महाराष्ट्र के मुंबई में...
Posted by : achhiduniya
31 December 2021
महाराष्ट्र में तीसरी कोविड लहर की आशंका के बीच 198 ताजा ओमिक्रॉन मामले
देखे गए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 5,368 नए कोरोनो वायरस के मामले दर्ज किए गए, जो एक दिन पहले की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक हैं। विशेषज्ञों द्वारा नए
वैरिएंट को अत्यधिक संक्रामक बताया गया है। मुंबई में भी 3,671
संक्रमणों के साथ एक बार फिर भारी उछाल देखा गया। प्रशासन द्वारा जारी नए आदेश के मुताबिक अब सार्वजनिक स्थानों
पर भी जाने को लेकर
पाबंदियां लागू रहेंगी। प्रशासन ने अपने आदेश में कहा कि मुंबई
में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधों को 15 जनवरी तक बढ़ा दिया गया है। मुंबई पुलिस ने नागरिकों को बीचेस, खुले मैदानों, समुद्र के किनारों, सैरगाहों, गार्डन्स, पार्कों या इसी तरह के सार्वजनिक स्थानों पर शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक (12 घंटें) जाने पर रोक लगा दी है। मुंबई पुलिस प्रशासन की ओर से
जारी आदेश में कहा गया है कि मानव जीवन, स्वास्थ्य
या सुरक्षा के लिए खतरे को रोकने और कोविड-19 वायरस
के प्रसार को कम करने की दृष्टि से ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।
आदेश में कहा गया है,मामलों में वृद्धि और नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के उभरने से शहर को
कोविड-19 महामारी से खतरा बना हुआ है। अधिकारियों ने नए साल से पहले सभी बड़े समारोहों पर प्रतिबंध
लगा दिया था। नई गाइडलाइन के अनुसार मुंबई में लागू होंगे ये प्रतिबंध:-शादी-विवाहों के मामले में, चाहे बंद स्थान में हो या खुले स्थान में हो, उपस्थित लोगों की अधिकतम संख्या 50
व्यक्तियों तक ही सीमित होगी। किसी भी सभा या कार्यक्रम के
मामले में, चाहे वह सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक या धार्मिक हो, चाहे वह
खुले या बंद स्थानों में हो, उपस्थित लोगों की अधिकतम
संख्या 50 व्यक्तियों तक सीमित होगी। अंतिम संस्कार के मामले में, उपस्थित
लोगों की अधिकतम संख्या 20 व्यक्तियों तक सीमित होगी।
पहले से मौजूद अन्य सभी निर्देश अगले आदेश तक लागू रहेंगे। यह आदेश, पुलिस
आयुक्त, ग्रेटर मुंबई के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में, 31 दिसंबर 2021 के दिन में 1 बजे से लागू
होगा और 15 जनवरी 2022 की रात 12.00 बजे तक
लागू रहेगा। 14
दिसंबर 2021 को
सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पहले के आदेश को वापस ले लिया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति महामारी रोग
अधिनियम 1897
और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत दंड प्रावधानों के अलावा
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा।