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- दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के प्रेसिडेंट रहे मनजिंदर सिंह सिरसा ने थामा भाजपा का दामन...
Posted by : achhiduniya
01 December 2021
सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी का पद छोड़ते हुए सिरसा ने लिखा
था, कुछ निजी कारणों के चलते मैं दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट
कमिटी के प्रेसिडेंट के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं। दिल्ली में
मनजिंदर सिंह सिरसा की अच्छी पैठ मानी जाती रही है और राजधानी में अकाली दल का जो
भी जनाधार रहा है, उसमें उनकी अहम भूमिका रही है। ऐसे में सिरसा का
छोड़ना अकाली दल के लिए पंजाब से लेकर दिल्ली तक अकाली दल के लिए बड़ा झटका है। अकाली
दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी
के प्रेसिडेंट रहे मनजिंदर
सिंह सिरसा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। बुधवार को ही उन्होंने गुरुद्वारा
मैनेजमेंट कमिटी से इस्तीफा दिया था और फिर अकाली दल छोड़ने का फैसला लिया था।
उनके भाजपा में जाने से भगवा दल को पंजाब चुनाव में खुद को सिखों की हितैषी पार्टी
बताने में मदद मिलेगी। सिरसा गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के मुखिया रहे हैं और
उनकी सिखों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में भाजपा को उन्हें पंजाब में एक
चेहरे के
तौर पर प्रोजेक्ट करने में मदद मिलेगी। मनजिंदर सिंह सिरसा के सिख समुदाय
पर प्रभाव को इस बात से समझा जा सकता है कि 2012 में जब
वह गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के महासचिव बने थे तो अकाली दल को पंजाब में सत्ता
मिली थी। परमजीत सिंह सरना को मात देकर अकालियों ने गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी
में पकड़ बनाई थी। ऐसे में अब सिरसा का भाजपा में जाना सिख समुदाय के बीच पार्टी
को पैठ बढ़ाने में मदद कर सकता है। किसान आंदोलन के बाद से ही भाजपा सिख विरोधी दल
होने की धारणा का शिकार रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद अब सिरसा की एंट्री के
बाद पार्टी को बड़ी मदद मिल सकेगी।