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- बैंक में FD {फिक्स्ड डिपॉजिट} कराने से पहले जान ले जरूरी बात...?
Posted by : achhiduniya
21 December 2021
फिक्स्ड डिपॉजिट{FD }करवाते
वक्त किसी तरह की लापरवाही बरती जाए और नियमों का पूरा अध्ययन न किया जाए तो बड़ी
दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। एफडी को बहुत सुरक्षित माना जाता है इसलिए लोग
इसमें निवेश करते हैं। एफडी कराते वक्त इस बात पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लें
कि आपको कितनी अवधि के लिए एफडी करानी है। ज्यादा ब्याज के लालच में लंबी अवधि की
एफडी से बचेंगे तो बेहतर रहेगा। यह ध्यान रखें कि एफडी मेच्योर होने से पहले अगर
आप उसे तोड़ते हैं तो आपको पेनल्टी देनी पड़ेगी।कम-कम पैसों वाली ज्यादा एफडी
रखें। कम कीमत वाली एफडी रखना ज्यादा अच्छा विकल्प है। बजाय बड़ी रकम का फिक्स्ड
डिपॉजिट रखने के। हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी ऐसी परेशानी आवश्य आती है जब
उसे एक साथ बड़ी रकम की जरूरत होती है। ऐसे समय में आप कोई एक एफडी तोड़कर पैसों
की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। ऐसे में आपकी दूसरी एफडी चलती रहेंगी। इससे आपको
अलग-अलग एफडी की ब्याज दरें भी प्राप्त होती रहेंगी। फिक्स्ड डिपॉजिट पर होने वाली
ब्याज आय पर इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स लगता है। एफडी पर कमाया गया ब्याज
अगर एक वित्तीय वर्ष में 10 हजार
रुपए से ऊपर है, तो उस
ब्याज पर टीडीएस डिडक्शन होगा। यह कुल कमाए गए ब्याज का 10% होगा। सीनियर सिटीजंस
के लिए ये सीमा 50 हजार रुपये की है,अगर
आपकी आय टैक्सेबल रेंज से कम है, तो आप एफडी पर टीडीएस डिडक्शन
नहीं होने देने के लिए बैंक को फॉर्म 15G और
फॉर्म 15H सब्मिट कर सकते हैं। बैंक में पहले तिमाही और सालाना आधार पर
ब्याज का विड्रॉल करने का विक्लप था। कुछ बैंक में अब आप मासिक विड्रॉल भी कर सकते
हैं। एफडी पर लोन भी लिया जा सकता है। एफडी की वैल्यू का 90% तक लोन लिया जा
सकता
है। अगर एफडी की कीमत 1.5 लाख रुपए है तो
आपको 1 लाख 35 हजार रुपए तक लोन मिल सकता है। एफडी पर लोन लेने पर आपको फिक्स्ड
डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से 1-2 फीसदी ज्यादा ब्याज देना होगा,अगर आपकी एफडी पर 4% ब्याज मिल रहा है तो आपको 5 से 6 % ब्याज
दर पर लोन मिल सकता है। देश के अधिकांश बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एफडी पर 5
से 6% तक की ब्याज दर देते हैं। जबकि कई
प्राइवेट बैंक या स्मॉल फाइनेंस बैंक 7 से 7.5% तक की सालाना ब्याज दर की पेशकश
करते हैं। जहां तक पैसों के सुरक्षित रहने का सवाल है तो निजी बैंकों में आपका
पैसा पूरी तरह से