- Back to Home »
- Religion / Social »
- क्या है शब-ए-बरआत का महत्व...?
Posted by : achhiduniya
13 March 2022
इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक यह रात साल में एक बार शाबान महीने
की 14 तारीख को सूरज के ढलने के बाद शुरू होती है। इस्लाम में यह रात
बेहद फजीलत की रात मानी जाती है। इस रात को मुस्लिम दुआएं मांगते हैं और अपने
गुनाहों की तौबा करते हैं। इबादत की रात शब-ए-बरआत को तकदीर तय करने वाली माना
जाता है। यह रात इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक आठवें महीने की 15वीं तारीख को आती
है। इस रात को इस्लाम धर्म को मानने वाले अल्लाह की इबादत में गुजारते हैं। इस रात
लोग अपने गुनाहों की तौबा करते हैं।
शब का मतबल रात होता है और बरआत का अर्थ बरी
होना। शब-ए-बरआत की सारी रात इबादत और तिलावत का दौर चलता है। इस रात अपने उन
परिजनों, जो दुनिया से रुखसत हो चुके हैं, उनकी
मगफिरत की दुआएं की जाती हैं। इस्लामिक मान्यता के अनुसार यह रात पूर्व के समय में
किए गए कर्मों का लेखा जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली
मानी जाती है। इसलिए इस रात को शब-ए-बरआत के तौर पर जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है
कि तौबा की इस रात को अल्लाह तआला अपने