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- पराली जलने की मुक्ति के साथ 8,000 कुशल-अकुशल लोगों को रोजगार...ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा
Posted by : achhiduniya
13 August 2022
राज्य के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन
अरोड़ा ने जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 33.23 टन सीबीजी प्रतिदिन की कुल
क्षमता वाले इस संयंत्र को अप्रैल 2022 में गांव भुट्टल कलां (संगरूर) में चालू
किया गया था। अरोड़ा ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि संयंत्र ने अब सीबीजी का
व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि खेतों में जलने वाली पराली के
कारण दिल्ली
सहित पूरा उत्तर भारत हर साल दिवाली के बाद गहरी धुंध की चपेट में आ
जाता है,लेकिन इस साल संभव है कि दिल्ली
वालों को थोड़ी राहत मिल जाए। इससे जुड़ी बड़ी पहल हुई है पंजाब में यहां के संगरूर
जिले में एशिया के सबसे बड़े कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र ने अब वाणिज्यिक
उत्पादन शुरू कर दिया है। इंडियन ऑयल
कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को की जा रही है। इसके अलावा पेडा पंजाब ऊर्जा विकास
एजेंसी ने धान की पराली और अन्य कृषि अवशेषों पर
आधारित कुल 492.58 टन प्रतिदिन
(टीपीडी) क्षमता वाली 42 अतिरिक्त सीबीजी परियोजनाओं को आवंटित किया है। इन
परियोजनाओं का मकसद पराली को जलाने से रोकने के लिए एक स्थायी और टिकाऊ समाधान
तैयार करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है। मंत्री ने कहा कि इन
परियोजनाओं से लगभग 1,200 करोड़ रुपये का निजी निवेश होने की
उम्मीद है और 8,000
कुशल और अकुशल लोगों को रोजगार मिलेगा।
पेडा के मुख्य कार्यकारी सुमीत जरंगल ने कहा कि कुल 14.25 टन सीबीजी प्रतिदिन
क्षमता वाले दो और संयंत्र 2022-23 में तैयार होने की उम्मीद है। अनुमान है कि शेष
परियोजनाएं अगले तीन वर्षों के भीतर चालू होंगी।
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