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- सुप्रीम कोर्ट ने ईवीए मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाले पर 50 हजार का लगाया जुर्माना
Posted by : achhiduniya
30 September 2022
मध्य प्रदेश जन विकास पार्टी को फटकार लगाते हुए
जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने कहा कि जो पार्टी मतदाताओं द्वारा मान्यता
प्राप्त करने में विफल रही है वो स्पष्ट रूप से एक याचिका दायर करके मान्यता प्राप्त
करने की कोशिश कर रही है। अदालत वो जगह नहीं है, जहां कोई
भी चला आए और पब्लिसिटी ले ले। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भारत के चुनाव आयोग
(ECI) को EVM में खामियों को दूर करने के
लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीए मशीनों की
विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने 50 हजार
रुपये का जुर्माना भी लगाया है। याचिकाकर्ताओं के
वकील ने तर्क दिये। केवल कंपनी के इंजीनियरों की ही इस तक पहुंच है। यदि EVM के साथ
कोई समस्या है, तो
यह कंपनी के इंजीनियर हैं जो इससे निपटते हैं, न कि आयोग के इंजीनियर,इसे
अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इसमें छेड़छाड़ की
संभावना है। हमें केवल कुछ चेक और बैलेंस चाहिए। हम चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल
के खिलाफ नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव प्रक्रिया की दशकों से चुनाव आयोग द्वारा निगरानी की जाती
है। समय-समय
पर यह मुद्दा उठाया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिस पार्टी को मतदाताओं से
मान्यता नहीं मिली हो, वह ऐसी याचिकाओं के माध्यम से
मान्यता प्राप्त करने का प्रयास कर रही है।
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