- Back to Home »
- Crime / Sex »
- 21 तक रिमांड में राऊत...
Posted by : achhiduniya
18 October 2022
प्रवर्तन निदेशालय {ईडी} ने शिवसेना सासंद संजय राउत को
पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना के संबंध में धनशोधन के आरोप में इस साल जुलाई में
गिरफ्तार किया था। उपनगरी क्षेत्र गोरेगांव में 47 एकड़ में फैली पात्रा चॉल को
सिद्धार्थ नगर के नाम से भी जाना जाता है और उसमें 672 किरायेदार परिवार हैं। 2008
में, महाराष्ट्र गृहनिर्माण एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण
(म्हाडा) ने एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक
सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के
पुनर्विकास का अनुबंध सौंपा। जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे
और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे। वह शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र
था। हालांकि,ईडी के अनुसार, पिछले 14
वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला। क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का
पुनर्विकास नहीं किया। बल्कि अन्य बिल्डरों को भूमि के टुकड़े और फ्लोर स्पेस
इंडेक्स (एफएसआई) 1,034 करोड़ रुपये में बेच दिये। संजय राउत
के खिलाफ ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और
उनकी पत्नी और सहयोगियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन से संबंधित है। राउत के
वकील
अशोक मुंदरगी ने मंगलवार को अपनी जवावी दलीलें पूरी कीं,जिस
दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि ईडी द्वारा राउत के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘स्वाभाविक रूप से अविश्वसनीय हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। मुंदरगी
ने अदालत को बताया कि कथित लेनदेन साल 2008 से 2012 तक के हैं। उन्होंने कहा,
एक दशक हो गया है और आरोप केवल 3.85 करोड़ रुपये का है। ईडी की ओर
से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुंदरगी द्वारा दी गई कुछ नयी
दलीलों का विरोध करने के लिए
अतिरिक्त समय मांगा। अदालत ने सहमति जताते हुए मामले
की अगली सुनवायी 21 अक्टूबर को तय की विशेष जज एम जी देशपांडे ने संजय राउत की
न्यायिक हिरासत की अवधि भी 21 अक्टूबर तक बढ़ा दी। बता दें कि आज संजय राउत को
उनकी हिरासत की अवधि खत्म होने पर अदालत में पेश किया गया था।
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)