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- वैदिक पद्धति अनुसार स्वस्थ रहने के 15 नियम...?
Posted by : achhiduniya
15 November 2022
1- सुबह उठते ही बिना क़ुल्ला किए 2 ग्लास पानी
पीना चाहिए,
रात भर जो अपने मुँह में लार है वो अमूल्य है
उसको पेट में ही जाना ही चाहिए। 2-खाना खाने के 1.30 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।
3- पानी घूँट घूँट करके पीना है जिससे अपनी मुँह की लार पानी के साथ मिलकर पेट में
जा सके, पेट में Acid बनता है और मुँह में छार, दोनो पेट में बराबर मिल जाए तो कोई रोग पास नहीं आएगा। 4-
फ़्रिज़
का ठंडा पानी कभी भी नहीं पीना है। 5- खाना, जितने
आपके मुँह में दाँत है उतनी बार ही चबाना चाहिए। 6- खाना ज़मीन में पलोथी मुद्रा
में बैठकर या उखड़ूँ बैठकर ही खाना चाहिए। 7- खाने के मेन्यू में एक दूसरे के
विरोधी भोजन एक साथ ना करे जैसे दूध के साथ दही, प्याज़
के साथ दूध,
दही के साथ उड़द की दlल। 8- समुद्री नमक की जगह सेंधl नमक या
काला नमक खाना चाहिए। 9- रीफ़ाइन तेल, डालडा
ज़हर है, इसकी जगह अपने इलाक़े के अनुसार सरसों, तिल, मूँगफली या नारियल का तेल
उपयोग में लाए। सोयाबीन के कोई भी प्रोडक्ट खाने में ना ले इसके प्रोडक्ट को केवल
सुअर पचा सकते है। आदमी में
इसके पचाने के एंज़िम नहीं बनते हैं। 10- दोपहर के
भोजन के बाद कम से कम 30 मिनट आराम करना चाहिए और शाम के भोजन बाद 500 क़दम पैदल
चलना चाहिए। 11- घर में चीनी (शुगर) का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि चीनी को
सफ़ेद करने में 17 तरह के ज़हर (केमिकल ) मिलाने पड़ते है इसकी जगह गुड़ का उपयोग
करना चाहिए और आज कल गुड़ बनाने में कॉस्टिक सोडा (ज़हर) मिलाकर गुड को सफ़ेद किया
जाता है,इसलिए सफ़ेद
गुड़ ना खाए। प्राकृतिक गुड़ ही खाये। प्राकृतिक
गुड़ चाकलेट कलर का होता है। 12- सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की तरफ़ होना
चाहिए। 13- घर में कोई भी अलूमिनियम के बर्तन या कुकर नहीं होना चाहिए। हमारे
बर्तन मिट्टी,
पीतल लोहा और काँसा के होने चाहिए। 14- दोपहर का
भोजन 11 बजे तक अवश्य और शाम का भोजन सूर्यास्त तक हो जाना चाहिए।15- सुबह भोर के
समय तक आपको देशी गाय के दूध से बनी छाछ में सेंधा नमक और ज़ीरा बिना भुना हुआ
मिलाकर पीना चाहिए।
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