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- नॉन स्टीकिंग बर्तन दे रहें धीमी मौत घोल रहें भोजन में जहर....?
Posted by : achhiduniya
29 November 2022
चमकते हुए बर्तन किसी भी घर के स्टेंडर्ड की
निशानी माने जाते थे, लेकिन आजकल उनकी जगह काले
बर्तनों ने
यानी
नॉन स्टीकिंग बर्तनो ने ले ली है। हम सब इन बर्तनों को अपने घर
में उपयोग में ले रहे हैं और शायद कोई बहुत बेहतर विकल्प नहीं मिल जाने तक आगे भी
उपयोग करते रहेंगे। किन्तु इनका उपयोग करते समय हम ये बात भूल जाते हैं कि ये नॉन
स्टीकिंग बर्तन हमारे शरीर को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। वास्तव में ये बर्तन
हमारी बीमारियाँ बढ़ा रहे हैं और इनका प्रयोग करके हम हमारे अपनों को ही तकलीफ दे
रहे
हैं। टेफलोन को 20 वी
शताब्दी की सबसे बेहतरीन केमिकल खोज में से एक माना गया है, जिसका प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र जैसे कि स्पेस सुइट और
पाइप में उर्जा रोधी के रूप में किया जा रहा है, किन्तु
यह भी एक बड़ा सच है की ये टेफलोन कोटिंग का काला जहर स्वास्थ्य के लिए बना ही
नहीं है और अत्यंत खतरनाक है। इसके प्रयोग से श्वास की बीमारी, कैंसर, ह्रदय रोग आदि कई गंभीर
बिमारियां भी होती देखी जा रही हैं। यह भी सच है की जब टेफलोन कोटेड बर्तन को अधिक
गर्म किया जाता है, तो आसपास के क्षेत्र में
रह रहे पालतू पक्षियों
की जान जाने का खतरा तुरंत ही काफी बढ़ जाता है। टेफलोन कोटेड बर्तनों में सिर्फ 5
मिनिट में 700 डिग्री टेम्प्रेचर तक गर्म हो जाने की प्रवृति होती है और इसी दौरान
6 तरह की खतरनाक गैस वातावरण में फैल जाती हैं। इनमे से 2 गैस ऐसी होती हैं जो
केंसर को भी जन्म देती हैं। अध्ययन
बताते हैं कि टेफलोन को अधिक गर्म करने से पक्षियों के लिए हानिकारक टेफलोन
टोक्सिकोसिस बनती है और इंसानों के लिए खतरनाक पोलिमर फ्यूम फीवर की सम्भावना बहुत
बढ़ जाती है। टेफलोन कोटिंग से उत्पन्न होने वाले केमिकल के शरीर में जाने से होने
वाली बीमारियाँ होती हैं।
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