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- बेडरूम के वास्तु को ठीक करते ही आपकी सारी समस्याएं ठीक हो सकती हैं जाने कैसे...?
Posted by : achhiduniya
16 November 2022
अक्सर सभी ठीक होने के बाद भी आपका हर बनता काम
बिगड़ने लग जाए तो आपको अपने स्लीपिंग पैटर्न पर ध्यान देना चाहिए। नींद का आपके
आस-पास की एनर्जी से गहरा संबंध होता है। आप जितनी गहरी और अच्छी नींद लेंगे, आपका एनर्जी लेवल उतना ही पॉजिटिव और उच्च स्तर पर रहेगा। अगर
आपको या बच्चों को नींद लेने में जरा भी परेशानी महसूस हो रही है तो एक नजर अपने व
उनके बेडरूम पर जरूर डालें। बेडरूम के वास्तु को ठीक करते ही आपकी सारी समस्याएं
ठीक हो सकती हैं। आज-कल बच्चों व बड़ों के कमरे अलग-अलग होते हैं। घरों में कई
बेडरूम होते हैं, जिसमें मेहमानों का कमरा भी शामिल होता है।
वास्तुशास्त्र में हर किसी के
कमरे के लिए एक दिशा तय की गई है, जिसका ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए। मास्टर बेडरूम, जिसमें
घर का मुखिया सोता है, वह नैऋत्य कोण (दक्षिण- पश्चिम
का कोना) में होना चाहिए। यह उनके लिए
बहुत शुभ माना जाता है। बच्चों का कमरा पश्चिम की दिशा में होना चाहिए। इससे उनकी
प्रगति में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। अविवाहित कन्याओं और मेहमानों का बेडरूम
उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह दिशा आवागमन से संबंधित होती है। हमने यह तो
जान लिया कि बेडरूम का किस दिशा में होना शुभ माना गया है, अब यह जानना भी जरूरी है कि किस दिशा में बेडरूम बनवाने से बचना
चाहिए।
उत्तर- पूर्व दिशा में बेडरूम नहीं होना चाहिए क्योंकि यह दिशा
देवी-देवताओं का स्थान है। इस दिशा में बेडरूम होने से धन की हानि व अशांति बनी
रहने की आशंका रहती है। दक्षिण-पूर्व दिशा में भी बेडरूम नहीं होना चाहिए क्योंकि
यह दिशा अग्नि कोण है। इसे आक्रामक रवैये से संबंधित माना जाता है। घर के मध्य भाग
में बेडरूम होना सही नहीं माना जाता है क्योंकि इस भाग को ब्रह्म स्थान कहा जाता
है। # बच्चों के लिए बेडरूम वास्तु टिप्स:- घर की रौनक बच्चों से ही
होती है,अगर वे शांत या गुमसुम रहेंगे तो घर में वैसे भी अशांति का
माहौल बन जाएगा। इसलिए उनका बेडरूम डिजाइन
करवाते समय इन वास्तु
टिप्स का खास ख्याल रखें- उनके कमरे की दीवारें हमेशा सफेद
या हल्के रंग की होनी चाहिए। बच्चों के बेडरूम का दरवाजा उत्तर या पूरब दिशा में
होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दरवाजा सिंगल हो, डबल नहीं। बच्चों को हमेशा पूर्व दिशा में सिर और पश्चिम दिशा
में पैर करके सोने चाहिए। इससे उनकी याददाश्त तेज होती है। बच्चों के बेडरूम में
स्टडी टेबल-चेयर दक्षिण दिशा में रखनी चाहिए।
इससे उनका ध्यान भटकता नहीं है। बच्चों के बेडरूम में बेड के सामने
किसी भी
तरह के इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स नहीं रखे होने चाहिए। बेड के सामने इलेक्ट्रॉनिक
आइटम्स होने से उनकी सेहत और दिमाग, दोनों
पर ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चों के बेडरूम की लाइटिंग न तो बहुत तेज होनी
चाहिए और न ही बहुत धीमी। इन कुछ परिवर्तनों को करने से ही आप अपने व बच्चो के
जीवन में सुख-समर्धी का अनुभव करेंगे।
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