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- बेरोजगारो को दिए रोजगार के मुद्दे पर दिया मोदी सरकार ने यह जवाब...
Posted by : achhiduniya
21 December 2022
सांसद राजीव रंजन सिंह लल्लन ने युवाओं को सरकारी
नौकरियां दिए जाने के संबंध में सरकार से पूछा -क्या प्रधान मंत्री यह बताने की
कृपा करेंगे कि सरकार द्वारा विगत पांच वर्षों के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों
में युवाओं को कितनी नौकरियां प्रदान की गई...? क्या
सरकारी क्षेत्रों में नियमित भर्ती नहीं होने के कारण शिक्षित बेरोजगार युवाओं की
संख्या लगातार बढ़ रही है। क्या विज्ञापित थोड़ी सी रिक्तियों के लिए लाखों आवेदन
प्राप्त होते हैं और उनमें से पदों के लिए अपेक्षित न्यूनतम अहर्ताओं की अपेक्षा
कहीं अधिक अर्हताएं
रखने वाले आवेदक बड़ी संख्या में होते है। क्या ऐसी अधिकांश
भर्तियां लंबे समय तक न्यायालयों में न्यायिक जांच प्रक्रिया के अंतर्गत लंबित
रहती हैं और समय पर पूरी होने वाली भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में बहुत अधिक
समय लगता है और देश में शिक्षित बेरोजगार व्यक्तियों की
राज्यवार और विधा-वार संख्या कितनी है? कार्मिक, लोक
शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य
मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बारे में संसद में जवाब दिया।
उन्होंने कहा की विगत पांच वर्षों के दौरान
केन्द्र सरकार में यूपीएससी, एसएससी और आरआरबी द्वारा
नियुक्ति के लिए चयनित उम्मीदवारों की संख्या 3,77,802 है। केंद्र
सरकार के विभिन्न मंत्रालयो/विभागों/संगठनों की आवश्यकता के अनुसार रिक्तियों का
होना और भरना एक सतत प्रक्रिया है। सरकार ने भरे नहीं गए पदों को समय पर भरने के
लिए सभी मंत्रालयो, विभागों को पहले ही अनुदेश जारी कर दिए हैं। ऐसी
आशा की जाती है कि भारत सरकार दवारा आयोजित किए जा रहे
रोज़गार मेले आगे रोजगार
सृजन में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे और युवाओं को उनके सशक्तिकरण तथा
राष्ट्रीय विकास में प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी करने के लिए सार्थक अवसर प्रदान
करेंगे। विज्ञापित पदों की शैक्षिक अहर्ताओं और अपेक्षाओं के आधार पर उच्चतर
अहर्ताओं वाले उम्मीदवारों सहित सभी पात्र उम्मीदवार इस प्रकार विज्ञापित किए गए
पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिकांश परीक्षाएं बिना किसी मुकदमेबाजी के सुचारू
रूप से आयोजित की गई हैं। तथापि कुछ
मामलों में भर्ती की प्रक्रिया मुकदमेबाजी द्वारा बाधित हुई है। शिक्षित बेरोजगार व्यक्तियों
की संख्या के संबंध में विधा-वार आंकड़े नहीं रखे जाते हैं।
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