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PM मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंटरी पर रोक प्रेस की स्वतंत्रता का हनन...संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया
Posted by : achhiduniya
26 January 2023
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस
ने बुधवार को नियमित ब्रीफिंग में स्पष्ट कहा कि अमेरिकी दुनियाभर में स्वतंत्र
प्रेस का समर्थन करता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों
को चिह्नित करना बेहद महत्वपूर्ण है। मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में
नेड प्राइस ने कहा, हम दुनियाभर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का
समर्थन करते हैं। हम मानवाधिकारों के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के
महत्व को चिह्नित करते रहेंगे, ताकि हमारे
लोकतंत्र मज़बूत
होते रह सकें। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर
हम दुनियाभर में बने अपने रिश्तों में ज़ोर देते हैं। यह निश्चित रूप से ऐसा
मुद्दा है,
जिसे हमने भारत में भी सामने रखा है। इससे पहले, स्थानीय समयानुसार सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान नेड
प्राइस ने कहा था कि भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत
करने वाले कई तत्व मौजूद हैं, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक रिश्तों के साथ-साथ लोगों के बीच असाधारण रूप से गहरे
संबंध
शामिल हैं। गौरतलब है कि BBC ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर हमला करते हुए दो-भाग की शृंखला
प्रसारित की थी। इस डॉक्यूमेंटरी को लेकर चौतरफा नाराज़गी फैल गई थी और चुनिंदा
प्लेटफार्मों से इसे हटा दिया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने BBC की सीरीज़ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए
दावा किया था कि यह पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है। इस पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के विदेश
मंत्रालय ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी और गुजरात दंगों को लेकर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंटरी पर भारत द्वारा प्रतिबंध लगाने को
प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे
लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को उजागर करने और भारत समेत दुनियाभर में इसे
मुद्दा बनाने का सही समय है। नई दिल्ली में साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन को
संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था,हमें लगता है कि यह प्रचार सामग्री है। इसमें कोई वस्तुनिष्ठता
नहीं,यह पक्षपातपूर्ण है। ध्यान दें कि इसे भारत में प्रदर्शित नहीं
किया गया है। हम इस पर इससे ज़्यादा कुछ नहीं कहना चाहते, कि कहीं इसे ज़्यादा गरिमा न हासिल हो जाए। उन्होंने समूची कवायद
के मूल उद्देश्य और इसके पीछे छिपे एजेंडे' पर भी
सवाल उठाए। सोमवार को नेड प्राइस ने कहा था,आप जिस
डॉक्यूमेन्टरी का ज़िक्र कर रहे हैं, मैं उसके बारे में नहीं जानता हूं, बहरहाल, मैं उन साझा मूल्यों से अच्छी
तरह वाकिफ़ हूं, जो अमेरिका और भारत को दो संपन्न और जीवंत
लोकतंत्र बना देते हैं। जब भी हमें भारत में होने वाली गतिविधियों के बारे में कोई
चिंता होती है, तो हमने हमेशा
आवाज़ उठाई है, जब भी हमें मौका मिला है। यूनाइडेट किंगडम के
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए BBC डॉक्यूमेंटरी से खुद को दूर कर लिया था, और कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत
नहीं हैं। ऋषि सुनक ने यह टिप्पणी उस वक्त की थी,जब
पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने विवादास्पद वृत्तचित्र को लेकर ब्रिटिश
संसद में बात की थी।
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