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- बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर कहा बुलेट ट्रेन देश का जनहित में एक ड्रीम प्रोजेक्ट…
Posted by : achhiduniya
09 February 2023
मुंबई से अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किलोमीटर की रेल की पटरी में से 21 किलोमीटर भूमिगत रहेगी। भूमिगत सुरंग का एक प्रवेश बिंदु
विखरोली में गोदरेज की जमीन पर पड़ता है। राज्य सरकार और राष्ट्रीय उच्च गति रेल
निगम लिमिटेड (NHSRCL) ने दावा किया था कि कंपनी के कारण पूरी परियोजना
में देरी हो रही है, जबकि परियोजना जनता के लिए
महत्वपूर्ण है। सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि गोदरेज एंड बॉयस
मेन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के विखरोली क्षेत्र स्थित इलाके को छोड़कर परियोजना
के पूरे मार्ग
के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। गौरतलब है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए महाराष्ट्र सरकार और एनएचएसआरसीएल की
ओर से मुंबई के विखरोली क्षेत्र में शुरू किए गए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज
एंड बॉयस की याचिका 9 फरवरी को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट
ट्रेन इस देश का, राष्ट्रीय महत्व का और जनहित में एक ड्रीम
प्रोजेक्ट है। अदालत
ने गोदरेज की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया कि शुरुआत
में मुआवजा 572 करोड़ रुपये तय किया गया था,लेकिन
जब आखिरी फैसला सुनाया गया तो इसे घटाकर 264 करोड़ रुपये कर दिया गया। बता दें कि
कंपनी और सरकार बुलेट ट्रेन परियोजना में अधिग्रहण मामले पर 2019 से कानूनी विवाद
में उलझे हुए हैं। राज्य सरकार ने अदालत को पहले बताया था कि वह पहले ही पिछले साल
अक्टूबर में कंपनी को 264 करोड़ रुपये का मुआवजा दे
चुकी है।
गोदरेज एंड बॉयस ने उसे मुआवजा देने के महाराष्ट्र सरकार के 15 सितंबर, 2022 को
जारी आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। जस्टिस आरडी धानुका और
न्यायमूर्ति एमएम सथाये की खंडपीठ ने कहा कि परियोजना अपने आप में अनूठी है और
सार्वजनिक हित को निजी हित पर वरीयता मिलेगी।
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