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- बतौर केन्द्रीय मंत्री चार बार सीएम रह चुके शरद पवार इस मास्टर स्ट्रोक से हारी बाजी जीत सकते है..?
Posted by : achhiduniya
04 July 2023
शरद पवार
की राष्ट्रवादी पार्टी से अजित पवार बगावत करके शिंदे सरकार में शामिल होकर वे डिप्टी सीएम बन गए हैं। इससे उनके चाचा शरद पवार
भी हैरान है। मगर अब भी वे इन तरीकों से पार्टी को बचा सकते हैं। अजित पवार की
बगावत के बाद शरद पवार कार्रवाई करने का मन बना चुके हैं। वे 5 जुलाई को मुंबई में जिला
स्तर के अफसरों के साथ बैठक करेंगे। वहीं 7 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
बुलाई हैं। इस बैठक से साफ होगा कि कौन उनके पक्ष में है। शरद पवार ने पूरे
महाराष्ट्र का दौरा करने का निर्णय लिया है। नासिक में वह रैली कर सकते हैं। बगावत
करने वाले बड़े नेताओं में छगन भुजबल का भी नाम सबसे आगे है। वे नासिक से आते हैं। शरद पवार दौरे के दौरान
युवाओं से मुलाकात कर सकते हैं। वे पार्टी के जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से
मुलाकात
कर सकते हैं। शरद पवार एनसीपी का गढ़ रायगढ़ और शिवनेरी का दौरा कर
सकते हैं। एनसीपी यहां पर काफी मजबूत रही है। शिवनेरी छत्रपति शिवाजी महाराज की
जन्मभूमि है। रायगढ़ में शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ। इन जगहों के ऐतिहासिक महत्व
को वे भुना सकते हैं। पवार लोकसभा चुनाव में पार्टी की पकड़ को मजबूत कर सकते हैं। शरद पवार बागी नेताओं को
ठिकाने लगाने के लिए कोर्ट का रास्ता अपना सकते हैं। इसके साथ चुनाव आयोग का रुख
कर सकते हैं।
हालांकि उन्होंने प्रफुल्ल पटेल और सुनील टटकरे को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है। शरद पवार का साथ कांग्रेस और टीएमसी दे रही है। इस मौके पर डीएमके चीफ और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन भी पवार का साथ दे रहे हैं। बेंगलुरु में जल्द विपक्षी दलों की बैठक होगी। ऐसा कहा जा रहा है कि शरद पवार इसमें शिरकत करने वाले हैं।गौरतलब है की 1967 में शरद पवार 27 वर्ष की उम्र में पहली बार विधायक बने। इसके बाद शरद पवार सफलता पाते गए। 1978 में वसंतदादा पाटील की सरकर को गिराकर महाराष्ट्र के सबसे युवा सीएम बने। 1988 में वह दोबारा सीएम की कुर्सी पर बैठे। दो वर्ष बाद यानी 1990 में उन्होंने कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाई।
इसके बाद वह तीसरी बार राज्य के सीएम बने। 1991 में पवार ने केंद्र की राजनीति में एंट्री मारी थी। उस
समय तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी। वे सरकार में रक्षा मंत्री बने।
1993
में मुंबई हमले के बाद शरद
पवार को महाराष्ट्र भेजा गया। वे चौथी बार सीएम बने थे।
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