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सुरा सो पहचानिए ,जो लारै दीन के हेत,पुरजा-पुरजा कट मेरी ,कबहु ना छाड़े खेत वीर बाल दिवस पर पीएम मोदी ने किया संबोधित...
Posted by : achhiduniya
26 December 2023
नई दिल्ली:- आज देश
वीर साहिबजादों के अमर शहीद को याद किया जा रहा है , प्रेरणा ली जा रही है। आज़ादी के अमृतकाल में वीर
बाल दिवस के रूप में ये एक नया अध्याय शुरू हुआ है। पिछले वर्ष देश में पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मुख्य रूप से मनाया गया
था। तब पूरे देश में सभी ने भाव-विभोर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था। वीर
बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए,कुछ भी,कुछ भी कर के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें
याद है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम उम्र का मतलब नहीं था। ये उस महान विरासत
का पर्व है , जहां गुरु कहते थे- सुरा सो पहचानिए ,जो लारै दीन के हेत,पुरजा-पुरजा कट मेरी ,कबहु ना छाड़े खेत! माता जी , गुरु गोविंद सिंह जी और उनके चारों साहिबजादों की
वीरता और आदर्श,आज भी हर भारतीय को देते हैं। इसलिए वीर बाल दिवस , उन सात वीरों के अप्रतिम शौर्य और उनके जन्म देने
वाली माता के प्रति , राष्ट्र की सच्ची
श्रद्धा है। आज मैं बाबा मोती राम
महराजे , उनके परिवार की जयंती और टोडरमल की भक्ति को भी
श्रद्धापूर्वक याद कर रहा हूं। हमारे गुरुओं के प्रति अगाध भक्ति , राष्ट्र भक्ति का जो जज्बा जगाती है , ये उसका उदाहरण थे। मुझे
खुशी है कि वीर बाल दिवस अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा। इस साल
अमेरिका,ब्रिटेन,ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड,यूएई और
ग्रीस में भी वीर बाल दिवस से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। भारत के वीर साहिबजादों
को पूरी दुनिया और अधिक जानें , उनकी
महान कृतित्व से सीखेगी।
तीन साल पहले चमक और सरहिंद की लड़ाई में जो कुछ हुआ वो
अमित इतिहास है। ये इतिहास बेमिसाल है। उस इतिहास को हम भूल नहीं सकते। उसे आने
वाली संस्तुति को याद दिलाते रहना बहुत पता है। जब अन्याय और अत्याचारों का घोर
अंधकार था , तब भी हमारे बीच विध्वंस को पलभर के लिए भी हावी नहीं किया गया। हम भारतीयों ने रूमेन के साथ मिलकर विद्रोहियों का सामना किया। हर
युग के हमारे लोकतंत्र ने तब सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने अपने लिए जीने के
बजाय , इस मिट्टी के लिए मरना पसंद किया था। जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया,दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया। आज
जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं , तब दुनिया का नजारा भी बदल गया है।
मुझे खुशी है कि आज देश की गुलामी
बाहर निकल रही है। आज के भारत को अपने लोगों पर , अपनी इच्छाशक्ति पर अपनी प्रेरणाओं पर पूरा-पूरा भरोसा है। आज भारत
के लिए साहिबज़ादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है। आज भारत में भगवान
बिरसा मुंडा का बलिदान,गोविंद गुरु का
बलिदान पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देता है और जब कोई देश अपनी विरासत पर गर्व करता
है तो दुनिया भी उसे सम्मान देती है , सम्मान देती है। मेरे
परिवारजन ,आने वाले 25 साल हमारी युवा शक्ति के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर
आ रहे हैं। भारत का युवा किसी भी क्षेत्र में , किसी भी समाज में पैदा हुआ हो ,अपने सपने देख रहा हो।
इन सपनों को पूरा करने के
लिए सरकार के पास स्पष्ट रोडमैप है , स्पष्ट
दृष्टि है , स्पष्ट नीति है ,नियति में कोई खोट नहीं है। आज भारत ने जो
राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है , वो 21 वीं सदी के युवाओं में नई नीति विकसित करेगी।