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- नए कानूनों का पालन करवाना बनवाने से भी मुश्किल....DL-CP संजय अरोड़ा
Posted by : achhiduniya
18 January 2024
संसद द्वारा पारित नए आपराधिक कानूनों यानी भारतीय न्याय संहिता 2023ए भारतीय नागरिक
सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य
अधिनियम 2023 को अपनाने के लिए
अधिकारियों के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम के
शुभारंभ के दौरान सीपी ने कहा कि नए स्थापित कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने
के लिए परिवर्तनों के अंतर्निहित कारणों और उनके पीछे के तर्क को समझना जरूरी है। दिल्ली
पुलिस अकादमी ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी द्वारका के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से विशेष
पुलिस आयुक्तों से लेकर दिल्ली पुलिस के कांस्टेबलों तक के सभी अधिकारियों को कवर
करने के लिए अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल को
सावधानीपूर्वक डिजाइन किया है। अब इसको
लेकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ सत्र आयोजित करने पर जोर दे रहे हैं। साथ
ही यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जा रहा है कि सभी स्तरों पर अधिकारी नए
कानूनों को लागू करने में कुशल हैं। सीपी संजय अरोड़ा ने नये कानूनों के प्रशिक्षण
के महत्व को रेखांकित करते हुए निरीक्षकों और उससे ऊपर के प्रतिभागियों सहित आगामी
परिवर्तनों को चुनौती और अवसर दोनों के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया। सीपी
ने कानूनों में बदलाव यानी भारतीय दंड संहिता से भारतीय न्याय संहिता में
परिवर्तनक को एक बेहतर और सार्थक कदम बताया। सीपी ने कहा कि शुरुआत में इसका ध्यान
एक साथ आरोपियों को सजा दिलाने और पीड़ित को न्याय दिलाने पर था। उन्होंने कहा कि 5500
जांच
अधिकारियों और सीसीटीएनएस ऑपरेटरों के प्रशिक्षण का पहला चरण 5
फरवरी
को शुरू होने वाला है।
इसका मकसद बल के अत्याधुनिक अधिकारियों को नए कानूनी ढांचे
को अधिसूचित होने के बाद निष्पादित करने के लिए जरूरी स्किल से लैस करना है। सभी
अत्याधुनिक कार्यालयों को अधिकारियों के एक प्रशिक्षित बैच के माध्यम से कानूनों
में आने वाले बदलावों से जुड़ी की नई प्रक्रियाओं और चुनौतियों से निपटने के लिए
तैयार करना है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि कानूनों का मसौदा
तैयार करना, विशेष रूप से नए आपराधिक कानून बनाना एक
चुनौतीपूर्ण प्रयास है। हालांकि इन कानूनों को लागू करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण
है।