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- धोखाधड़ी से बचने NRI और OCI के भारतीय नागरिकों के साथ विवाह पंजीकृत/रेजिस्टर्ड हो अनिवार्य...
Posted by : achhiduniya
16 February 2024
विधि
आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने विधि मंत्रालय को 'अनिवासी भारतीयों और भारत के
प्रवासी नागरिकों से संबंधित वैवाहिक मुद्दों पर कानून' नामक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट
में आयोग ने राय दी है कि प्रस्तावित केंद्रीय कानून अनिवासी भारतीयों (NRI) और भारतीय मूल के प्रवासी विदेशी
नागरिकों (OCI) के
भारतीय नागरिकों के साथ विवाह से जुड़े सभी पहलुओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त
रूप से व्यापक कानून होना चाहिए। रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने अपनी रिपोर्ट
में सरकार से कहा है कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा, पति-पत्नी के पासपोर्ट को एक-दूसरे
के साथ जोड़ना और दोनों के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण
संख्या का उल्लेख करना
अनिवार्य करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में संशोधन किए जाने की जरूरत है। रिटायर्ड
जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने इस बारे में भारत के कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को
कवरिंग लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि NRI, और भारतीय नागरिकों के बीच शादी के
मामलों में बढ़ती धोखाधड़ी की बात चिंताजनक है। कई रिपोर्ट में इस बढ़ती प्रवृत्ति
का खुलासा भी हुआ है,जहां ये शादियां धोखाधड़ी साबित होती हैं, जिससे भारतीय पति-पत्नियों, विशेषकर महिलाओं को अनिश्चित
परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
आयोग ने कहा कि इस तरह का कानून न सिर्फ
एनआरआई, बल्कि
भारतीय मूल के प्रवासी विदेशी नागरिकों (ओसीआई) के दर्जे के साथ आने वाले लोगों पर
भी लागू होना चाहिए। साथ ही एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच सभी विवाहों
को भारत में अनिवार्य रूप से रेजिस्टर्ड किया जाना चाहिए। वहीं, केंद्रीय कानून में तलाक, जीवनसाथी के भरण-पोषण, बच्चों की अभिरक्षा और भरण-पोषण, एनआरआई तथा ओसीआई को समन, वारंट या न्यायिक दस्तावेज तामील
करने के प्रावधान भी शामिल होने चाहिए।