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- VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछे चुनाव आयोग से सवाल....?
Posted by : achhiduniya
24 April 2024
वीवीपैट स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी
उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। इसके
जरिए मशीन से कागज की पर्ची निकलती है, जिसे
मतदाता देख सकता है और इस पर्ची को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है तथा विवाद की
स्थिति में इसे खोला जा सकता है EVM के जरिए डाले गए वोटों के साथ सभी
वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों का मिलान करने के निर्देश देने की मांग वाली
याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (EC) से कुछ अहम
सवाल पूछे हैं। न्यायमूर्ति
संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने चुनाव आयोग (ईसीआई) के एक
वरिष्ठ अधिकारी को कुछ सवालों के जवाब देने के लिए
अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा है। कोर्ट ने आयोग से
जो सवाल पूछे हैं उनमें शामिल हैं...# माइक्रो
कंट्रोलर कंट्रोलिंग यूनिट में लगा होता है या फिर वीवीपैट में ?#
क्या माइक्रो कंट्रोलर वन टाइम प्रोग्रेमबल होता है ? # आयोग के पास चुनाव चिन्ह अंकित करने
के लिए कितने यूनिट उपलब्ध हैं ? # आपने कहा
कि चुनाव याचिका दायर करने की सीमा अवधि 30 दिन है और इस प्रकार स्टोरेज और रिकॉर्ड 45 दिनों तक बनाए रखा जाता है. लेकिन लिमिटेशन डे 45 दिन है,आपको इसे
सही करना होगा। कोर्ट ने इस मामले में कुछ दिन पहले भी सुनवाई की थी लेकिन उस
दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उस दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर
दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और
याचिकाकर्ताओं को ईवीएम के हर पहलू के बारे में आलोचनात्मक होने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले, एक अप्रैल को
न्यायालय ने निर्वाचन आयोग और केंद्र से नागरिक अधिकार कार्यकर्ता अरुण कुमार
अग्रवाल की एक याचिका पर जवाब मांगा था। याचिका में चुनावों में वीवीपैट की सभी
पर्चियों की गिनती का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। वहीं, वर्तमान में
एक संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से यादृच्छिक रूप से चयनित केवल
पांच ईवीएम से पर्चियों का मिलान किया जाता है।