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- अवैध रूप से महाराष्ट्र में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों पर MH-CM सरकार सख्त..
Posted by : achhiduniya
24 December 2024
बीते दिनों मुंबई की
कफ परेड पुलिस ने एक ऐसे बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था,
जो 34 साल पहले मुंबई में डंकी रूट के जरिए दाखिल हुआ
था। सूत्रों ने बताया कि आरोपी बांग्लादेशी नागरिक है जो चटगांव का रहने वाला है।
उसका नाम मोइन हयात बादशाह शेख साल है। महज 17 साल की उम्र में अवैध रूप से वह भारत में घुसा
था। तब से वह भारत और बांग्लादेश के बीच कई बार आवाजाही कर चुका है। पुलिस ने
बताया कि एंटी टेररिस्ट सेल (ATC) को जानकारी मिली थी कि एक बांग्लादेशी नागरिक
यहां दक्षिण मुंबई में कई साल से रह रहा है। इसके बाद डीसीपी जोन-1
प्रवीण मुंढे ने एक टीम बनाई। इस टीम ने
जांच के बाद मोइन को हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी डंकी रूट
से भारत आया था और इसके पास अब भारत का वोटर आईडी भी है, जिसका इस्तेमाल कर उसने लोकसभा और विधानसभा
चुनावों में मतदान भी किया था। महाराष्ट्र के विधानसभा सत्र में महाराष्ट्र के
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अवैध रूप से भारत में रहने वाले बांग्लादेशी
नागरिकों को लेकर सरकार का रुख साफ कर दिया है। एक तरफ जहां राज्य में अवैध रूप से
रहने वाले नागरिकों के लिए डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा तो वहीं सरकार की
भूमिका है कि ऐसे सभी अवैध नागरिकों को डिपोर्ट किया जाए। इसे लेकर सीएम देवेंद्र
फडणवीस ने कहा, सरकार
की भूमिका बिल्कुल साफ है। ऐसे सभी बांग्लादेशी नागरिक जो भारत में अवैध रूप से रह
रहे हैं उन्हें खोजने और उन्हें डिपोर्ट करना ही सरकार की भूमिका है और
हमने इस काम की शुरुआत भी कर दी है।
इसी तर्ज पर बीते दिनों मुंबई,
नवी मुंबई, धुले, भिवंडी और राज्य के अन्य इलाकों में पुलिस द्वारा
जमकर कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे लंबे समय से
अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई करने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में उनका कहना है
कि बांग्लादेशी रोहिंग्या देश के लिए खतरा हैं और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अधिकारियों के अनुसार, भारत में न्यायिक प्रक्रिया में बांग्लादेशी नागरिकों को दोषी ठहराने
और उनकी सजा पूरी होने के बाद उन्हें निर्वासित करने में कम से कम एक दशक लग जाता
है। अवैध अप्रवासी इस लंबी प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए कई सालों से भारत में रह
रहे हैं और जाली दस्तावेजों, ख़ास तौर पर आधार कार्ड के ज़रिए सरकारी योजनाओं
का फायदा उठा रहे हैं। अवैध प्रवासी बड़ी ही आसानी से आधार कार्ड बनवा लेते हैं
लेकिन जांच एजेंसियों को उन्हें कैंसल करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है और
यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसकी वजह से वे आधार कार्ड का सहारा लेकर अन्य
डॉक्यूमेंट बनवा लेते हैं।