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- परीक्षा के पहले कलावा निकालकर डस्टबिन में फेंका-जनेऊ उतरवाया....
Posted by : achhiduniya
18 April 2025
कर्नाटका के शिवमोग्गा जिले के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों
से जनेऊ उतरवा लिया गया। साथ ही हाथ में बंधे कलावा को
उतरवाकर डस्टबिन में फिकवा दिया गया। इंजीनियरिंग कॉलेज में कॉमन एन्ट्रेंस टेस्ट
यानी CET की परीक्षा देने गए कुछ
छात्रों से जनेऊ और हाथों में पहने कलावा को उतारने के लिए कहे जाने से विवाद
गर्मा गया। अखिल कर्नाटका ब्राह्मण सभा ने जिलाधीश से मुलाकात कर ऐसा करने वालों
के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने
मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। ये घटना
शिवमोग्गा के आदि चुनचुनगिरी पीयू कॉलेज परिसर में हुई है। बताया गया कि CET की परीक्षा देने पहुंचे तीन छात्रों को इसीलिए रोक लिया गया
क्योंकि उन्होंने जनेऊ और हाथों में रक्षा सूत्र पहना हुआ था। गेट पर मौजूद गार्ड
ने 2 लड़कों ने जनेऊ और रक्षा सूत्र (कलावा) खुलवा दिया, जबकि एक छात्र जनेऊ न
खोलने पर अड़ गया। उसे 15 मिनट तक गेट पर ही रोक
लिया गया। इसके बाद उसके हाथों में बंधे रक्षा सूत्र को उतरवा लिया गया, लेकिन जनेऊ के साथ उसे परीक्षा देने को दी गई। पीड़ित छात्र अभिज्ञान के मामा ने कहा, 'मेरा भांजा CET के लिए आदि चुनचुनगिरी
पीयू कॉलेज गया था। वहां गार्ड ने टी शर्ट के अंदर पहने जनेऊ और हाथों में पहने
रक्षा सूत्र को उतारने को कहा। भांजे ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। भांजे ने
कहा
कि वो भले ही परीक्षा न दे लेकिन जनेऊ नहीं उतारेगा। इसके बाद 15 मिनट तक उसे बाहर बैठाया गया। इसके साथ ही पीड़ित
छात्र के मामा ने बताया कि बाद में उसे जनेऊ के साथ परीक्षा देने की अनुमति दी गई
लेकिन उसके हाथों से कलावा निकालकर उसे डस्टबिन में डाल दिया गया। जैसे ही उन्हें
ये सूचना मिली कि मेरे भांजे से पहले 2 बच्चों का जनेऊ भी उतार
लिया गया था। परीक्षा खत्म होने के बाद इन बच्चों ने अपने अभिभावकों को ये बात
बताई। कुछ देर में संस्थान के गेट पर ब्राह्मण संगठन के लोग पहुंच गए और गार्ड से
सवाल जवाब करने लगे। सूचना मिलते ही पुलिस भी वहां पहुंच गई और विरोध प्रदर्शन कर
रहे लोगों को किसी तरह समझा बुझाकर वहां से भेज दिया गया। इसके बाद अखिल कर्नाटका
ब्राह्मण महा संघ और अन्य ब्राह्मण संगठनों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।
इस
ज्ञापन में कॉलेज प्रबंधन के इस रवैये की निंदा करते हुए कहा गया कि ब्राह्मणों की
भावनाओं को ठेस पहुंचाने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
हालांकि,पीयू कॉलेज के गार्ड ने
पुलिस को दिए गए बयान में कहा कि उसने जो निर्देश प्रबंधन की ओर से दिए गए सिर्फ
उसका पालन किया है। कर्नाटका के उच्च शिक्षा
मंत्री एमसी सुधाकर ने भी इस घटना की निंदा की है। एमसी सुधाकर ने कहा, ऐसा नहीं होना चाहिए था, अगर ऐसा हुआ है जैसा कि
दावा किया गया है तो ये निंदनीय है। मैंने एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर से रिपोर्ट
मांगी है। एक्जाम के लिए कुछ सेट प्रोटोकॉल होते हैं। उसका पालन हर संस्थान करता
है, लेकिन उनमें जनेऊ उतरवाने की बात नहीं है। अगर जांच
में ये बात सही साबित होती है तो विभाग दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।