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शिक्षा में हिन्दी भाषा की अनिवार्यता बर्दाश्त नहीं MNS चीफ राज ठाकरे ने जताया महाराष्ट्र सरकार का विरोध
Posted by : achhiduniya
17 April 2025
महाराष्ट्र की
फडणवीस सरकार ने हिंदी भाषा को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार,
महाराष्ट्र के सभी सरकारी और प्राइवेट
स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार के
इस फैसले का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने विरोध किया है। उन्होंने
एक बयान जारी करते हुए कहा कि मैं स्पष्ट शब्दों में कहता हूं कि महाराष्ट्र
नवनिर्माण सेना इस अनिवार्यता को बर्दाश्त नहीं करेगी। राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर
अपनी चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया,महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य
बनाना हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। केंद्र सरकार की ये कोशिशें महाराष्ट्र में हिंदी
को थोपने की हैं, जो पूरी तरह गलत है। हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं,
बल्कि एक राज्य भाषा है,
जैसे अन्य भाषाएं हैं। इसे शुरू से ही
महाराष्ट्र में क्यों पढ़ाया
जाना चाहिए? आपका जो भी त्रिभाषी फॉर्मूला है,
उसे सरकारी मामलों तक सीमित रखें,
शिक्षा में न लाएं। उन्होंने यह भी कहा कि
भारतीय संविधान में भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया है और अब इस पर हमला
किया जा रहा है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि यह कदम महाराष्ट्र की संस्कृति और भाषा को
कमजोर करने का प्रयास है। महाराष्ट्र की एक पहचान है, और हम मराठी भाषा के सम्मान की रक्षा करेंगे। राज
ठाकरे ने कहा,हम
हिंदू हैं, लेकिन
हिंदी नहीं! अगर आप महाराष्ट्र को हिंदी के रंग में रंगने की कोशिश करेंगे,
तो महाराष्ट्र में संघर्ष होना तय है।
अगर
आप यह सब देखेंगे, तो आपको लगेगा कि सरकार जानबूझकर यह संघर्ष पैदा कर रही है। क्या यह
सब आने वाले चुनावों में मराठी और गैर-मराठी के बीच संघर्ष पैदा करने और उसका
फायदा उठाने की कोशिश है? इस राज्य के गैर-मराठी भाषी लोगों को भी सरकार की
इस योजना को समझना चाहिए। ऐसा नहीं है कि उन्हें आपकी भाषा से कोई खास प्यार है।
वे आपको भड़काकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। राज ठाकरे ने सरकार पर
निशाना साधते हुए कहा कि जब राज्य की आर्थिक स्थिति खस्ता है,
युवा बेरोजगार हैं और किसानों के कर्ज
माफी का वादा पूरा नहीं हुआ, तो सरकार इस मुद्दे को उछाल कर चुनावी लाभ लेने
की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी पूछा
,क्या किसी दक्षिणी राज्य में भी हिंदी को
अनिवार्य किया जाएगा? अगर ऐसा होता, तो वहां की सरकारें इसका विरोध करतीं। राज ठाकरे
ने मुख्यमंत्री और अन्य सत्ताधारी नेताओं से अपील की कि वे इस फैसले को वापस लें
और महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं का सम्मान करें। इसके साथ ही,
उन्होंने मराठी बोलने वाले सभी लोगों से
इस मुद्दे के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।