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- आरक्षण ट्रेन के डिब्बे जैसा एक चढ़कर दूसरों को अंदर नहीं आने देना चाहता- जज सूर्यकांत
Posted by : achhiduniya
06 May 2025
सुप्रीम कोर्ट के एक
जज सूर्यकांत ने कहा,देश में आरक्षण ट्रेन के डिब्बों की तरह हो गया है,
जो लोग इसमें चढ़ गए हैं वे दूसरों को अंदर नहीं आने देना चाहते।
यह समावेशिता का सिद्धांत है। सरकारें अधिक वर्गों की पहचान करने के लिए बाध्य
हैं। राजनीतिक, आर्थिक
और सामाजिक रूप से वंचित लोग हैं। उन्हें (आरक्षण का) लाभ क्यों नहीं मिलना चाहिए?
केवल कुछ परिवारों और समूहों को ही इसका
लाभ मिल रहा है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई बाद में दिन में फिर से करेगी। ये बात
सुप्रीम कोर्ट के एक जज सूर्यकांत ने कही है। जस्टिस सूर्यकांत ने महाराष्ट्र में
स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण से संबंधित एक मामले की सुनवाई
करते
हुए ये टिप्पणियां की है। कोर्ट ने तीन-स्तरीय परीक्षण निर्धारित किए हैं।
इसमें पहला राज्य के स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थों की
समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच करने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन करना है। दूसरा
आयोग की सिफारिशों के आलोक में स्थानीय निकाय में प्रावधान किए जाने वाले आरक्षण
के अनुपात को निर्दिष्ट करना है। तीसरा एससी/एसटी/ओबीसी के लिए कुल आरक्षण 50
प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। तब से डेटा
संग्रह और मुकदमेबाजी में देरी ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव कराने के
प्रयासों को रोक दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट
को बताया कि परिसीमन के दौरान ओबीसी की पहचान के बावजूद महाराष्ट्र स्थानीय निकाय
चुनाव के लिए डेटा का उपयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने स्थानीय निकायों के लिए जल्द
ही चुनाव कराने की आवश्यकता पर बल दिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार चुनिंदा
अधिकारियों के माध्यम से स्थानीय निकायों को एकतरफा चला रही है। इसी मामले में
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट से कहा कि आरक्षण
के उद्देश्य से ओबीसी के भीतर राजनीतिक रूप से पिछड़े और सामाजिक रूप से पिछड़े
वर्गों की पहचान की जानी चाहिए।