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ACB और EOW की संयुक्त कार्रवाई मे 2000 करोड़ रुपये से अधिक की शराब घोटाले हेराफेरी का आरोपी गिरफ्तार
Posted by : achhiduniya
02 June 2025
छत्तीसगढ़ शराब
घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय [ED], एंटी करप्शन ब्यूरो [ACB] और आर्थिक अपराध शाखा [EOW] जैसी केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस
घोटाले में 2019 से 2022
के बीच लगभग 2000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी का आरोप है।
शराब घोटाला छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के समय सामने आया था। तत्कालीन भूपेश
सरकार के कार्यकाल में आईएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और
कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो [ACB] और आर्थिक अपराध शाखा [EOW] ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले के सिलसिले
में कार्रवाई करते हुए व्यापारी विजय भाटिया को नई दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है।
भाटिया को
रविवार को रायपुर में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट [JMFC] की अदालत में पेश किया गया,
जहां से उन्हें ACB/EOW की एक
दिन की हिरासत में भेज दिया गया। ACB/EOW के एक बयान के अनुसार, विजय भाटिया को इस घोटाले का मुख्य आरोपी बताया
जा रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में शराब बनाने वाली विदेशी
कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं से बड़े पैमाने पर कमीशन एकत्र करके अवैध रूप से लाभ
कमाया, जिससे
राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ।
यह घोटाला तब हुआ जब छत्तीसगढ़ में
भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, जैसा कि प्रवर्तन निदेशालय [ED] ने पहले खुलासा किया था कि यह 2019
से 2022 के बीच हुआ। भाटिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता [IPC] की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम
की धारा 7 और 12
के तहत मामला दर्ज किया गया है। ACB/EOW के वकील ने बताया कि सोमवार को उन्हें आगे की
हिरासत के लिए विशेष ACB/EOW अदालत में फिर से
पेश किया जाएगा। गिरफ्तारी के
साथ-साथ, ACB/EOW ने दुर्ग और भिलाई में भाटिया, उनकी कंपनियों और उनके सहयोगियों से जुड़े आठ
स्थानों पर व्यापक छापेमारी भी की। इन तलाशी अभियानों के दौरान,
आरोपी, उनकी संबंधित कंपनियों और सहयोगियों के परिसरों
से महत्वपूर्ण दस्तावेज, निवेश से संबंधित कागजात और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट
जब्त किए गए हैं।