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- भारत की रणनीति से पस्त पाकिस्तान महंगाई से बेहाल...
Posted by : achhiduniya
29 June 2025
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी आयातकों ने कहा कि भारतीय प्रतिबंध के कारण माल ढुलाई का समय और शुल्क बढ़ गया है। कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष जावेद बिलवानी ने कहा कि भारत की इस कार्रवाई के कारण माल ढुलाई वाले बड़े जहाज पाकिस्तान नहीं आ रहे हैं, जिससे हमारे आयात में 30 से 50 दिन की देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आयातक अब छोटे जहाजों पर निर्भर हैं,जिससे लागत बढ़ जाती है। निर्यातकों ने भारत द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद माल ढुलाई और बीमा लागत में भी वृद्धि की सूचना दी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी माल ले जाने वाले जहाजों को भारत के
बंदरगाहों पर लंगर नहीं डाल पा रहे हैं। भारत ने लंगर डालने से रोक लगा रखा है। इसके कारण माल ढुलाई
शुल्क और पारगमन समय में वृद्धि हुई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद,
भारत ने पाकिस्तान से आने या निर्यात होने
वाले माल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर दो मई,
2025 से प्रभावी व्यापक
प्रतिबंध लगा दिया। आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के व्यापारिक
संबंध खराब हो गए,जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर आयात शुल्क
बढ़ाकर 200 प्रतिशत
कर दिया।
पाकिस्तान और भारत के बीच औपचारिक व्यापार संबंध 2019
से ही स्थिर बने हुए हैं और द्विपक्षीय
व्यापार 2018 में 2.41
अरब डॉलर से घटकर 2024
में 1.2 अरब डॉलर रह गया है। भारत में पाकिस्तान का
निर्यात 2019 में 54.75
करोड़ डॉलर से घटकर 2024
के केवल 4,80,000 डॉलर रह गया है। पाकिस्तान के निर्यातकों का कहना है कि भारत के
प्रतिबंध का निर्यात पर कुल मिलाकर प्रभाव न्यूनतम रहा है। कपड़ा क्षेत्र के
निर्यातक आमिर अजीज ने कहा कि निर्यात पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है,
बीमा लागत में वृद्धि को छोड़कर। ढुलाई
शुल्क में वृद्धि से पहले ही हो चुकी थी। समाचार पत्र के अनुसार,
पाकिस्तान के निर्यात मूल्य संवर्धन के
लिए आयातित कच्चे माल पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
सरकार विदेशी मुद्रा को बचाने के
लिए आयात पर सख्त नियंत्रण बनाए रखती है, इसलिए आपूर्ति शृंखलाओं में किसी भी व्यवधान का
व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। भारतीय बंदरगाहों के इस्तेमाल पर रोक से
पाकिस्तान की माल ढुलाई लागत काफी बढ़ गई है। इतना ही नहीं,
सामान पहुंचने की समय में भी देरी हो रही
है। इससे पाकिस्तान में जरूरी सामानों की किल्लत और महंगाई तेजी से बढ़ी है। इससे
पाकिस्तानी जनता जो पहले से ही आर्थिक तंगी का शिकार थी अब और बुरी तरह फंस गई है।