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- हिन्दी विरोध मार्च को NCP [शरद पवार] का समर्थन सांसद सुप्रिया सुले
Posted by : achhiduniya
28 June 2025
महाराष्ट्र
सरकार ने अभी हाल में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि स्कूलों में कक्षा
एक से पांचवीं तक के छात्रों को मराठी और अंग्रेजी के बाद तीसरी भाषा के रूप में
हिंदी पढ़ाई जाएगी। हालांकि विवाद होने के बाद सरकार ने संशोधित आदेश जारी कर कहा
कि हिंदी वैकल्पिक भाषा होगी। अगर कोई छात्र तीसरी भाषा के तौर पर देश में बोली
जाने वाली कोई अन्य भाषा पढ़ना चाहता है तो वह पढ़ सकता है। उसके लिए हिंदी
अनिर्वाय नहीं होगी। हालांकि इसके लिए क्लास में कम से कम 20
छात्रों का रहना
जरुरी है। अगर क्लास में 20 छात्र नहीं होते हैं तो हिंदी तीसरी भाषा
के तौर पर पढ़ाई जाएगी। सरकार के इसी आदेश पर विवाद हो रहा है। सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम किसी को
खुश करने के लिए बच्चों का भविष्य खराब नहीं कर सकते। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
(शरद पवार) पूरी ताकत से विरोध उद्धव और राज ठाकरे के मार्च में उद्धव ठाकरे की
शिवसेना-यूबीटी और राज ठाकरे की मनसे इस मुद्दे पर
महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर
हैं। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि भाषा शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जिसे
बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। हमें विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ना
चाहिए। कोई अन्य राज्य इस तरह से काम नहीं कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आता कि
महाराष्ट्र सरकार इतना अड़ियल रुख क्यों अपना रहा है। सरकार के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे और
राज ठाकरे की पार्टियां पांच जुलाई को विरोध मार्च करेंगी। 5
जुलाई को सुबह 10
बजे गिरगांव से
आज़ाद मैदान तक मार्च होगा। इसका नेतृत्व उद्धव और राज ठाकरे कर सकते हैं। उद्धव
ठाकरे ने कहा है कि हम महाराष्ट्र में कक्षा 1 से 5 तक के मराठी और अंग्रेजी स्कूलों में
तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को लागू नहीं होने देंगे। यह केवल एक शैक्षणिक मुद्दा
नहीं बल्कि सांस्कृतिक अतिक्रमण है। वहीं, शरद पवार ने हाल ही में कहा था कि मेरा
विचार है कि प्राथमिक शिक्षा में हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। कक्षा 5
के बाद बच्चों के
हिंदी सीखने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन हमें यह विश्लेषण करना चाहिए कि एक
निश्चित आयु का बच्चा वास्तव में कितनी भाषाएं सीख सकता है।