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- एंटी करप्शन ब्यूरो अधिकारी ही निकाला भ्रष्टाचारी,जाँच जारी....
Posted by : achhiduniya
28 June 2025
जयपुर से सटे
शिवदासपुरा टोल प्लाजा पर गुप्त सूचना पर की कार्रवाई उस समय की गई, जब जगराम मीणा झालावाड़ से जयपुर लौट रहे
थे। सूत्रों के अनुसार, मीणा की गाड़ी की तलाशी एसीबी की ही एक
विशेष टीम ने ली, जिसका नेतृत्व एसीबी के एडिशनल एसपी
पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ कर रहे थे। टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि गाड़ी में अवैध
नकदी हो सकती है, जिसके आधार पर यह जांच की गई। कार्रवाई के दौरान मीणा की मौजूदगी में कार की तलाशी ली गई और नकदी
मिलने के बाद नोटों की गिनती कर उन्हें जब्त कर लिया गया। फिलहाल नकदी के स्रोत के
बारे में पूछताछ की जा रही है। एडिशनल एसपी राठौड़ ने कहा कि यह कार्रवाई
भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत की गई है और कोई भी
व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, अगर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया
गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसीबी मुख्यालय इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। जगराम
मीणा
फिलहाल बयान देने से बच रहे हैं और सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उनसे औपचारिक
पूछताछ भी की जाएगी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल किसी तरह की ढील
नहीं बरती जा रही है। एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर शुक्रवार को
स्पेशल यूनिट द्वितीय की टीम ने एसीबी के एडिशनल एसपी जगराम मीणा की कार की तलाशी
ली, जिसमें 9 लाख 35 हजार रुपये नकद मिले। इस कार्रवाई ने एक
बार फिर इस सवाल को खड़ा कर दिया है कि जब भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के अफसर ही शक
के घेरे में हों, तो फिर आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?
यह घटना ना सिर्फ
एसीबी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति की
प्रभावशीलता पर भी गंभीर बहस की मांग करती है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर जांच
जारी है और आने वाले दिनों में जगराम मीणा के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता
है।