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- छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट सख्त...
Posted by : achhiduniya
29 July 2025
एंबुलेंसों में फर्स्ट एड बॉक्स, दवाइयां
और उपकरण भी पर्याप्त नहीं हैं। कई मामलों में एक्सपायरी दवाइयां एंबुलेंसों में
पाई गई हैं, जो
मरीजों को स्वास्थ्य शिविरों के दौरान दी जा रही थी। चीफ जस्टिस रमेश
सिन्हा, जस्टिस
बिभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि, कोर्ट
के गत 14 फरवरी
2025 के
आदेश के अनुसरण में, सुनवाई की पूर्व तिथि 17 मार्च 2025 को, स्वास्थ्य विभाग के सचिव द्वारा एक
हलफनामा दायर किया गया था। दायर हलफनामे में कहा गया था कि एम्बुलेंस में
दवाइयां और उपकरण भी उपलब्ध हैं। इससे पूर्व छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत पर
हुई सुनवाई में सरकार की ओर से शपथपत्र पेश किया गया, जिसमें
बताया गया था कि प्रदेश में कुल 328 एम्बुलेंस चल रही है। इनमें दो तरह का लाइफ सपोर्ट
सिस्टम रखा गया है। पहली केटेगरी में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम काम कर रहा है।
दूसरी केटेगरी में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है। 108 वाहनों
के संबंध में आई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 से
संचालित एंबुलेंसों की हालत बिगड़ती जा रही है। नियमों के मुताबिक, 3 लाख
किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी गाड़ियों को बंद किया जाना चाहिए,
लेकिन
अधिकांश 108 एंबुलेंसों
के माइलेज मीटर ही काम नहीं कर रहे हैं। इन गाड़ियों का नियमित निरीक्षण भी नहीं
किया जा रहा। इस वजह से इनकी फिटनेस पर सवाल उठ रहे हैं। कोर्ट को विभाग की ओर से
जानकारी 108 एंबुलेंस
सेवा को लेकर जानकारी दी गई। कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कुल 298 बेसिक
लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा है। 30 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भी मौजूद है। कोर्ट की
जानकारी में लाया गया कि इन सबके साथ इन एंबुलेंस में दवाओं के साथ जरुरी उपकरण भी
लगे हैं। मामले को मॉनिटरिंग के लिए अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है।