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स्कूल चलें हम,मजबूरी में स्कूल छोड़ चुके 6 से 14 साल के बच्चों को पुनःशिक्षा की तरफ जोड़ने की तैयरी में योगी सरकार
Posted by : achhiduniya
19 July 2025
उत्तर
प्रदेश के हजारों बच्चों ने मजबूरी या घरेलू आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने की वजह स्कूल
जाना छोड़ दिया था। अब ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार
ने रणनीति तैयार की है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 1 अगस्त
से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। अब उत्तर प्रदेश के 6 से 14 साल के बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ने के लिए सरकार
ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए एक अगस्त से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ
किया जाएगा। इसमें ड्राप आउट बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण
दिया जाएगा। यह कार्यक्रम उन बच्चों के लिए है जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पा
रहे थे या शिक्षा व्यवस्था से पूरी तरह बाहर हो गए थे। 6 से
14 आयु
वर्ग के इन बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा से दोबारा जोड़ने
के लिए राज्य
सरकार की ओर से शिक्षा की मुख्यधारा में दोबारा प्रवेश की
रणनीति बनाई गई है। इसमें बच्चों को उनकी उम्र के अनुरूप आयु संगत कक्षा में
नामांकन कर उन्हें पढ़ाया जाएगा। ये प्रशिक्षक बच्चों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान
करेंगे। यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि सरकार उन
बच्चों को फिर से पढ़ने का अवसर दे रही है, जिनकी शिक्षा किसी कारणवश छूट गई थी। यह प्रयास केवल
उन्हें स्कूल ले आने भर का उपक्रम नहीं है, यह उनके सपनों को नई उड़ान देने वाला भी है। पढ़ाई
पूरी कर वे आत्मनिर्भरता की ओर आसानी से बढ़ेंगे। शारदा कार्यक्रम के तहत बच्चों को
नियमित स्कूली शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा।
पहचान किए गए आउट ऑफ स्कूल बच्चों
को विशेष रूप से शिक्षकों द्वारा 9 माह का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन बच्चों को
पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष मॉड्यूल पर प्रशिक्षित किया जाएगा। समावेशी
शिक्षा, मनोवैज्ञानिक
सहयोग और उम्र के अनुकूल पाठ्यवस्तु को केंद्र में रखते हुए टीचिंग लर्निंग
मैटेरियल भी तैयार किया गया है। इधर, एडी बेसिक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों
को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जनपद स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक शिक्षा
अधिकारियों को नोडल के रूप में दायित्व सौंपे गए हैं। स्कूल प्रबंधन समिति
(एसएमसी) के माध्यम से विशेष प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी। योजना के तहत ऐसे
विद्यालय जहां 5 या उससे अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे हैं, वहां विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से विशेष
प्रशिक्षकों का चयन किया जाएगा। इनमें सेवानिवृत्त अध्यापक या स्वैच्छिक सेवा देने
वाले योग्य वॉलंटियर्स को वरीयता दी जाएगी।