- Back to Home »
- Crime / Sex »
- धोखेबाज अनिल अंबानी के खिलाफ CBI में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में SBI
Posted by : achhiduniya
22 July 2025
भारतीय स्टेट बैंक [SBI] ने रिलायंस कम्युनिकेशंस [R-COM] और उसके प्रमोटर निदेशक अनिल
अंबानी को धोखाधड़ी घोषित किया है और अब वह केंद्रीय
जांच ब्यूरो [CBI] में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है। रिपोर्ट के
अनुसार यह बात सोमवार को संसद में कही गई। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर भारतीय रिजर्व
बैंक के दिशानिर्देशों और SBI की आंतरिक नीति के अनुसार 13 जून, 2025 को यह वर्गीकरण किया गया था। चौधरी
ने बताया कि बैंक ने 24 जून, 2025 को RBI को धोखाधड़ी की सूचना दी थी और अब वह CBI में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के
लिए कदम उठा रहा है। 1 जुलाई 2025 को R-COM ने SBI के निर्णय के बारे में बॉम्बे
स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया। SBI ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को दिए
गए लोन में 2,227.64 करोड़ रुपये का बकाया, 26 अगस्त,
2016 से ब्याज
और व्यय शामिल हैं। इसके अलावा 786.52
करोड़ रुपये
का गैर-निधि आधारित
बैंक गारंटी लोन भी शामिल है। रिलायंस कम्युनिकेशंस में SBI के निवेश में 26 अगस्त,
2016 से ब्याज
और खर्च सहित 2,227.64 करोड़ रुपये का फंड-आधारित मूलधन
बकाया शामिल है। इसके अलावा 786.52
करोड़ रुपये का गैर-फंड आधारित बैंक
गारंटी निवेश भी शामिल है। रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में दिवाला और शोधन
अक्षमता संहिता, 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान
प्रक्रिया से गुजर रही है। कंपनी की समाधान योजना को उसके लेनदारों की समिति से
पहले ही अनुमोदित किया जा चुका है और इसे 6
मार्च, 2020 को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण [NCLT], मुंबई में दायर किया गया था। NCLT का अंतिम फैसला अभी भी प्रतीक्षित
है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह भी कहा कि SBI ने अनिल अंबानी के खिलाफ इसी
दिवाला कानून के तहत व्यक्तिगत दिवाला कार्यवाही शुरू की है और इस मामले की सुनवाई
मुंबई स्थित NCLT में चल रही है। यह पहली बार नहीं है जब बैंक ने खाते को
धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया है। SBI ने इससे पहले 10 नवंबर,
2020 को R-COM और अंबानी को धोखाधड़ी के रूप में चिह्नित किया था और 5 जनवरी,
2021 को CBI में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि 6 जनवरी,
2021 को
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जारी यथास्थिति आदेश के कारण वह शिकायत वापस कर दी गई
थी।
भारतीय स्टेट बैंक एवं अन्य बनाम राजेश अग्रवाल एवं अन्य मामले में 27 मार्च,
2023 को
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद,
लेंडर को अब उधारकर्ताओं को उनके
खातों को धोखाधड़ी के रूप में चिह्नित करने से पहले जवाब देने का मौका देना आवश्यक
है। उस फैसले के आधार पर SBI ने 2
सितंबर, 2023 को धोखाधड़ी का टैग वापस ले लिया था। हालांकि प्रक्रिया को
फिर से शुरू करने और 15 जुलाई, 2024 से RBI के अपडेट नियमों का पालन करने के बाद बैंक ने एक बार फिर
खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया है।