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60,000 ग्राम पंचायतों में से 6,000 में मुस्लिम नेताओं को पंचायत चुनाव में उतारने की तैयारी में बीजेपी
Posted by : achhiduniya
04 August 2025
बीजेपी ने उन 6,000 ग्राम पंचायतों को चिह्नित किया है, जहां
मुस्लिम आबादी का प्रभाव अधिक है। इन पंचायतों में मुस्लिम उम्मीदवारों को
प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है। इसके तहत उम्मीदवारों को
प्रशिक्षण, संसाधन
और संगठनात्मक समर्थन प्रदान किया जाएगा। बीजेपी को उम्मीद है कि पंचायत स्तर पर
मुस्लिम नेताओं की जीत से पार्टी की छवि में बदलाव आएगा और यह विधानसभा चुनाव में
अतिरिक्त वोटों के रूप में परिणाम देगा। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक अविनाश मिश्र का
मानना है कि बीजेपी
के इस कदम को लागू करना इतना आसान नहीं होगा। बीजेपी
अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि पार्टी का
लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में उन मुस्लिम नेताओं को आगे लाना है, जो
बीजेपी के विकास और समावेशी नीतियों को जन-जन तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा,हमारा
उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मुस्लिम समुदाय भी बीजेपी के साथ जुड़े और विकास
की मुख्यधारा में शामिल हो, ग्राम पंचायत चुनाव इस दिशा में पहला कदम है। दरअसल,भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने
उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक रणनीति को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया
है।
पार्टी ने प्रदेश की लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में से 6,000 में
मुस्लिम नेताओं को चिह्नित करने और उन्हें पंचायत चुनाव में उतारने की योजना बनाई
है। इस पहल का मकसद 2027 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी
पैठ बढ़ाना और वोट प्रतिशत में इजाफा करना है। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे को इस
महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूरा करने का दायित्व सौंपा गया है। बीजेपी के इस कदम को
पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर
मुसलमानों के बीच अपनी स्वीकार्यता बढ़ाना चाहती है। पार्टी ने ग्राम पंचायत स्तर
पर उन मुस्लिम नेताओं की पहचान शुरू कर दी है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली हैं
और समुदाय में अच्छी पकड़ रखते हैं। इन नेताओं को पंचायत चुनाव में समर्थन देकर
बीजेपी न केवल स्थानीय स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहती है, बल्कि
2027 के
विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरों का भरोसा भी जीतना चाहती है।