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मालेगांव विस्फोट मामले में RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था...ATS के पूर्व पुलिस अधिकारी का खुलासा
Posted by : achhiduniya
01 August 2025
महाराष्ट्र -आतंकवाद निरोधक दस्ते [ATS] के एक पूर्व पुलिस अधिकारी महिबूब मुजावर ने एक
खुलासा करते हुए उन्होंने
कहा कि उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। इससे
पहले रिटायर्ड पूर्व पुलिस अधिकारी ने आरोप लगाया कि इसके पीछे का उद्देश्य भगवा
आतंकवाद को सिद्ध करना था। उन्होंने यह आरोप पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर
सहित सभी सात आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त
करते हुए लगाया। महिबूब मुजावर ने यह बातें सोलापुर में कहीं। उन्होंने आगे कहा कि
मुझ पर गलत जांच करने का दबाव भी बनाया गया था, जिसका मैंने विरोध किया था। उन्होंने
कहा कि
मेरे खिलाफ कई झूठे केस भी दायर किए गए, लेकिन मैं खुशकिस्मत था कि मैं सभी
मामलों से बरी हो गया था। मुजावर ने एक सीनियर अधिकारी का नाम लेते हुए कहा कि इस
फैसले ने एक फर्जी अधिकारी द्वारा की गई फर्जी जांच को उजागर कर दिया है। रिटायर्ड
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की
जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य
घायल हो गए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें मोहन भागवत को गिरफ्तार करने
के लिए कहा गया था। जस्टिस लोहाटी ने गुरुवार को 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसला
सुनाया था।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत और
गवाह नहीं मिले हैं. सिर्फ नैरेटिव के आधार पर हम किसी को भी दोषी नहीं करार दे
सकते। केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस लोहाटी ने कहा कि अभियोजन पक्ष विश्वसनीय
गवाह नहीं पेश कर पाया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। इस वजह
से सभी सातों आरोपियों को बरी किया जाता है। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में
एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था।