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- जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया महाराष्ट्र सरकार ने जाने पूरा मामला...
Posted by : achhiduniya
03 December 2025
भाजपा नेता किरीट
सोमैया ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा विलंबित जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने
और महाराष्ट्र में बसने के खिलाफ कई शिकायतें उठाई थीं। यह जीआर ऐसे समय में जारी
किया गया है जब नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) चल रहा है। यह प्रक्रिया महाराष्ट्र में अगले फरवरी
में शुरू होने की उम्मीद है। राजस्व एवं वन विभाग द्वारा जारी जीआर में कहा गया है
कि कई विलंबित प्रमाणपत्र कथित तौर पर अस्पताल के दस्तावेज़ों,
स्कूल प्रवेश प्रपत्रों या मूल जन्म
प्रविष्टियों जैसे सहायक अभिलेखों के बिना जारी किए गए थे। इसमें ज़ोर दिया गया है
कि जन्म संबंधी जानकारी के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड को स्वीकार नहीं किया जा
सकता। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में 11 अगस्त, 2023 को हुए संशोधन के बाद, केवल तहसीलदार, उप-विभागीय अधिकारी और ज़िला कलेक्टर ही विलंबित
प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत हैं। महाराष्ट्र
सरकार ने राज्य भर में गलत
तरीके से जारी किए गए जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया
है। सरकार के आदेश के मुताबिक ऐसे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों की समीक्षा की
जाएगी और फिर उन्हें रद्द किया जाएगा। सरकार ऐसे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों की
तत्काल समीक्षा करने और उन्हें रद्द करने का आदेश दिया है, जो निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के
अनुरूप नहीं हैं।
सरकार ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे जन्म विवरण दर्ज करने या उसमें बदलाव करने के लिए आधार कार्ड को पर्याप्त प्रमाण मानना बंद करें। सरकार ने गलत तरीके से जारी किए गए प्रमाणपत्रों को वापस लेने और उनका दोबारा सत्यापन करने का राजस्व, स्वास्थ्य और नगर निकायों को निर्देश दिया। उसने कहा कि कानूनी मानदंडों को पूरा न करने वाले प्रमाणपत्रों को प्राथमिकता के आधार पर रद्द किया जाना चाहिए और नागरिक पंजीकरण प्रणाली पोर्टल से प्रविष्टियां हटा दी जानी चाहिए। सरकार ने राजस्व, स्वास्थ्य और नगर निकायों को गलत तरीके से जारी किए गए प्रमाणपत्रों को वापस लेने और उनका दोबारा सत्यापन करने का निर्देश दिया है। कानूनी मानदंडों को पूरा न करने वाले प्रमाणपत्रों को प्राथमिकता के आधार पर रद्द किया जाना चाहिए और नागरिक पंजीकरण प्रणाली पोर्टल से प्रविष्टियां हटा दी जानी चाहिए। जीआर में कहा गया है कि संशोधन के बाद बिना उचित सत्यापन के जारी किए गए प्रमाणपत्रों को वापस लिया जाना चाहिए और सक्षम अधिकारियों द्वारा उनकी पुनः जांच की जानी चाहिए। यदि आधार से जुड़ी जन्मतिथि और आवेदन में घोषित तिथि अलग-अलग हैं, तो अधिकारियों को तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। जीआर के अनुसार, संदिग्ध जालसाजी या हेराफेरी वाले मामलों में प्राथमिकी दर्ज करनी होगी। अनियमित, विलंबित प्रमाणपत्रों की उच्च संख्या के लिए चिह्नित 14 ज़िलों के स्थानीय अधिकारियों को समाधान अभियान चलाने और आवेदकों से मूल प्रमाणपत्र एकत्र करने के लिए कहा गया है।
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