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- बने हम दर्द ....
Posted by : achhiduniya
08 January 2015
जिंदगी बहुत खूबसूरत है,
मगर.........?
मित्रो प्रणाम .... जब तक हम किसी का दर्द बाटकर
उसके हम दर्द नही बनते ,तब तक हमारा दर्द हमसे और
हम दर्द से दूर नही हो पाते। किसी की मुस्कुराहटो पे हो निसार,किसी का दर्द मिल
सके तो ले उधार,किसी के वास्ते हो तेरे दिल मे प्यार ......जीना
इसी का नाम है। जीवन में कोई भी कार्य करते हुए अगर हमारा लक्ष्य सकारात्मक और
निःस्वार्थ है तो आगे बढ़ने का रास्ता यूं ही आसान हो जाता है। फिर कड़ी चुनौतियां
भी आपका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकतीं। सहज जीवन ही स्वस्थ एवं सुंदर जीवन की नींव होता
है। जीवन में जितना सहज होंगे उतनी ही संतोष और संतुष्टि आपके पास अन्य लोगों के
मुकाबले ज्यादा होगी।
लोगों के साथ भगवान कृष्ण का बर्ताव करुणा से भरा था लेकिन
कुछ लोगों के साथ वह बड़ी कठोरता से पेश आते थे। जब जिस तरह से जीवन को संभालने की
जरूरत पड़ी, उन्होंने उसे उसी तरह से संभाला। हालात के लिए
जो उचित हो, वही करने पर जोर देते थे। श्री कृष्ण जब-जब लड़ाई
के मैदान में भी उतरे, तो भी आखिरी पल तक उनकी यही कोशिश थी
कि युद्ध को कैसे टाला जाए लेकिन जब टालना मुमकिन नहीं होता था,तो वह मुस्कराते हुए लड़ाई के मैदान में एक योद्धा की तरह लड़ते थे। एक
बार जरासंध अपनी बड़ी भारी सेना लेकर मथुरा आया। वह कृष्ण और बलराम को मार डालना
चाहता था, क्योंकि उन्होंने उसके दामाद कंस की हत्या कर दी
थी। कृष्ण और बलराम जानते थे कि उन्हें मारने की खातिर जरासंध मथुरा नगरी की
घेराबंदी करके सारे लोगों को यातनाएं देगा।अत: लोगों की जान बचाने के लिए उन्होंने
अपना परिवार और महल छोडऩे का फैसला किया और जंगल में भाग गए। इसके लिए उनको रण छोड़
भी कहा गया लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की क्योंकि उस समय मथुरा वासियों की
जान बचाना ज्यादा जरूरी था। इस दौरान उन्हें तरह-तरह के शारीरिक कष्ट झेलने पड़े।
श्री कृष्ण ने इसे बड़ी सहजता से लिया। उन्होंने सभी हालात का मुस्कराते हुए सामना
किया।
अतीत से चलते हुए वर्तमान में जब
आपने कदम रख दिए हैं तो उसमें सुधार के बारे में चिंता कीजिए। आपका भविष्य
खुद-ब-खुद ही संवर उठेगा। भगवान की नियामत के रूप में यदि यह जीवन मिला है,
तो इसे पहचान देने की कोशिश कीजिए। कुछ ऐसा करिए जो आने वाली
पीढ़ियों के लिए यह सकारात्मक और यादगार बन जाए। जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। हम
में अर्जुन की तरह लक्ष्य साधने की क्षमता होना चाहिए। हमारे संकल्प की दृढ़ता हर
मुश्किल को आसान कर देती है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सब दरवाजे खुल जाते हैं। सपने
देखिए, सपने देखेंगे तभी उन्हें पूरा करने का माद्दा आप में
जागृत होगा।
इन्हीं सपनों के बलबूते पर आप अपनी मंजिल पर आसानी से पहुंच सकेंगे। किसी
क्षेत्र में विजय पाने के लिए मजबूत हौसलों की जरूरत है। यह हौसले आपको अपने अंदर
पैदा करने होंगे तभी तो आप दूसरों की हौसला अफजाई भी कर सकेंगे और जिंदगी के कड़े
मुकामों को आसानी से पार कर सकेंगे। जिंदगी बहुत खूबसूरत है, मगर इसे दूसरों की जिंदगी में भी मिठास घोलते हुए बिताया जाए तो इसके
मायने ही बदल जाते हैं। खुशियां देने से बढ़ती हैं, इसलिए
देने का नियम बनाइए। कोशिश करें आपकी वजह से हर इंसान के चेहरे पर खुशी आएं। वर्तमान
में भागमभाग भरी जिंदगी में लोग लगातार परिवार से दूर होते जा रहे हैं। अगर समय
मिलता भी है तो वह गिले-शिकवे में ही निकाल देते हैं।
मगर यह नहीं जानते कि रिश्ते
प्रेम की डोर होते हैं जिनमें गांठ पड़ने पर खुलना मुश्किल हो जाता है। “रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ों चटकाए, टूटे से फिर न
जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए” हर बात में एक
ही राय कायम न करें। परिस्थितियों को देखते हुए अपने नजरिए में परिवर्तन करना
वर्तमान की एक आवश्यकता है। नजरें तेरी बदली तो नजारे बदल गए, कश्ती ने रुख मोड़ा तो किनारे बदल गए।
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| मित्र ही मित्र का दर्द समझ सकता है। |

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