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- पत्थर के रत्नो पर आश्रित जीवन........
Posted by : achhiduniya
01 March 2015
कर्मो
को प्रधानता देने से बात......खुश रहे खुशिया बांटे सबसे बड़ा......
वास्तु शास्त्र भी एक विज्ञान
ही जिसे आदि काल से इस्तेमाल किया जाता है फर्क सिर्फ इतना है की लोग इसको किसी
मुसीबत के आने के बाद तव्जो देते है। अगर मकान निर्माण के पहले ही इसके महत्व को
समझा जाए जो बाद मे बिना किसी तोड़ फोड़ के सुखमय जीवन यापन किया जा सकता है। खैर आज
आपसे रत्न विज्ञान के विषय मे कुछ बाते सांझा करेंगे। जिन लोगों को
शुक्र की महादशा चल रही है, उन्हें हीरा धारण करना चाहिए। इसके लिए
शुक्रवार सबसे अच्छा है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच हीरा मध्यमा उंगली यानी मिडिल फिंगर
में पहनना चाहिए। जिनकी
कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो, उन्हें माणिक धारण करना चाहिए।
इसे धारण करने के लिए रविवार सर्वश्रेष्ठ है।
रविवार को सूर्योदय के समय माणिक
अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए। मोती उन लोगों को धारण करना चाहिए, जिन लोगों की कुंडली में चंद्र
की महादशा चल रही हो। किसी भी सोमवार को शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच अनामिका या कनिष्ठा
(सबसे छोटी उंगली) में मोती धारण करना चाहिए। मंगल की महादशा में मूंगा धारण करना सबसे अच्छा उपाय
है। मंगलवार के दिन शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच
मूंगा अनामिका यानी फिंगर में धारण करने पर श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो, उन्हें पन्ना धारण करना चाहिए।
पन्ना धारण करने के लिए बुधवार श्रेष्ठ दिन है। दिन के समय 12 बजे से 2 बजे तक सबसे छोटी उंगली में
पन्ना धारण कर सकते हैं।
पुखराज उन
लोगों को धारण करना चाहिए, जिन लोगों की कुंडली में गुरु की महादशा चल
रही हो। इसके लिए गुरुवार श्रेष्ठ दिन है। गुरुवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच
तर्जनी उंगली यानी इंडेक्स फिंगर में धारण करना चाहिए। जिन लोगों की कुंडली में राहु या केतु की महादशा
चल रही है, उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। इसके लिए
शनिवार श्रेष्ठ दिन है। शनिवार को सूर्यास्त के बाद मिडिल फिरंग यानी मध्यमा उंगली
में गोमेद धारण करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को शनि की महादशा चल रही है, उन्हें नीलम धारण करना चाहिए।
नीलम धारण करने के लिए शनिवार सबसे अच्छा दिन है। शाम 5 बजे से 7 बजे तक मिडिल फिंगर यानी मध्यमा
उंगली में नीलम धारण किया जा सकता है। अगर रत्नो को धारण करने से आदमी
अपने पिछले बुरे कर्मो के बंधनो से मुक्त हो तो सभी का जीवन सुखमय बन जाएगा और इस धरती
से दुखो का सर्वनाश हो जाएगा।
इसलिए ध्यान रखे किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व किसी
विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। कभी-कभी रत्न का प्रभाव बहुत
जल्दी हो जाता है। कुछ परिस्थितियों में रत्न विपरीत प्रभाव भी दे सकते हैं, अत: बिना ज्योतिषी के परामर्श के रत्न धारण नहीं
करना चाहिए।
सबसे जरूरी है अपने अच्छे कर्मो को करते रहना जिससे
आपके जीवन मे हमेशा खुशियो का खजाना कम नही होगा लेकिन बड़ेगा जरूर सकारात्मक सोच रखे।
गरीबो और जरूरत मंदो की मदद करके उन्हे खुशी देने का हमेशा प्रयास करते रहे। खुश रहे
खुशिया बांटना सबसे बड़ा अनमोल रत्न है।