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- मानवता का दे परिचय बेजुबान पक्षियो को पानी पिलाकर
Posted by : achhiduniya
03 May 2015
पशु-पक्षियो के साथ अपना भी
रखे ध्यान........
पशु –पक्षी और प्राणियों मे श्रेष्ठ प्राणी मनुष्य को कहा गया है,क्योकि उसके पास बल के साथ बुद्धी भी होती है। जिससे वह सही-गलत का निर्णय कर सकता है। साथ ही अपने मानवता के कर्तव्य को निभाने के लिए इस बल और बुद्धी का प्रयोग करके उन बेजुबान प्राणियों की रक्षा कर सके जिससे उसे पुण्य के साथ मन की शांती प्राप्त हो।
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गर्मी
के आगमन
का स्वागत
करते हुए
हमें अपनी
दिनचर्या
में बदलाव
और खाने
पीने की
चीजों
में सावधानी
बरतने
के साथ
करना चाहिए।
गर्मियों
में लू
लगना, पानी
की कमी, फूड
पॉयजनिंग
जैसी बीमारियों
का हमें
सामना
करना पड़ता
है।
अगर
इन बीमारियों
से बचना
है तो
दिन में
10 से
12 गिलास
पानी जरूर
पीएं। चक्कर
आना, अत्यधिक
प्यास
लगना, कमजोरी, सिर
दर्द और
बेचैनी
इसके मुख्य
लक्षण
हैं।
इसका
इलाज तुरंत
ठंडक देना
और पानी
पीकर पानी
की कमी
दूर करना
है। अगर हीट
एग्जॉशन
का इलाज
तुरंत
न किया
जाए तो
हीट-स्ट्रोक
हो सकता
है जो
कि जानलेवा
भी साबित
हो सकता है।
इस
मौसम में
एल्कोहल
और कैफीन
युक्त
पेय पदार्थों
का परहेज
करें।
जितना
अधिक हो
सके नींबू
पानी को
अपने पेय
प्रदार्थ
में शामिल
करें।
जिससे
शरीर में
पानी की
मात्रा
बनी रहेगी।यह
तो हुई आम इंसान को गर्मी से होने वाले रोग और उनसे निदान के उपाए।
अब सोचने का
विषय यह है की जब ऐसी भयंकर गर्मी से इंसान नही बच सकता तो उन बेजुबान पशु –पक्षी और प्राणियों का क्या जिन्हे अपनी प्यास बुझाने के लिए
नींबू शर्बत तो बहुत दूर पीने का पानी तक नसीब नही होता कही न कही इन सभी के
जिम्मेदार आप और हम होते है जो चिड़िया की चू-चू-चू, कौवों की कौव-कौव और कोयल की
कुहु-कुहु तो सुनना चाहते है लेकिन उनके प्रति अपने मानवता धर्म को निभाना नही
चाहते। आज के बदलते मौसम की गर्मी से पानी की प्यास से न जाने कितने ही हजारो पशु –पक्षी और प्राणियों की जातीया विलुप्त हो रही है।
जिसके चलते
आने वाले भविष्य मे कही ये पूरी तरह से विलुप्त न हो जाए। इन्हे बचाने के लिए कई
संगठन और संस्थान प्रयास कर रहे है लेकिन उनके प्रयास से तभी कुछ हो सकता है जब आप
भी इस कार्य के सहभागी होंगे।
हाल ही मे सिंधी युवा संगठन जरिपटका नागपुर के
कार्यकर्ताओ के
दवारा पशु-पक्षियो को पानी पिलाने के लिए मिट्टी के बर्तन वितरित
किए गए। संगठन के संयोजक:- श्री अशोक
आहूजा,अध्यक्ष:-श्री प्रताप हिरानी,सचिव:-श्री महेश कुंदवानी सभी कार्यकर्ताओ ने योगदान दिया।
मुख्य अतिथी के रूप मे श्री घनश्याम
दास कुकरेजा [भारतीय जनता पार्टी],प्रा विजय केवलरामानी [अखिल
भारतीय अध्यक्ष सिन्ध मुक्ति संगठन],श्री सुरेश जग्यासी
[वार्ड प्रतिनिधी-जरिपटका कांग्रेस कमिटी] सभी मान्यवरो ने अपने विचार रख के सभी
कार्यकर्ताओ की प्रशंसा कर इसे और बड़े पैमाने पर करने के लिए प्रोत्साहित किया। तथा
सभी मानव जाती से अपने घर के बाहर या छत के ऊपर हर गाँव,शहर मे
इस प्रकार के मानवधर्म के प्रति सजग रहने का सभी से अनुरोध किया।