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- त्यौहार मनाना जरूरी लेकिन सावधानी उससे ज्यादा जरूरी...........?
Posted by : achhiduniya
09 November 2015
त्यौहारों के दिनों में ज्यादा मिठाईयां और तले हुए पकवान खाना, देर रात तक परिवार और दोस्तों के साथ त्यौहार मनाना और पटाखों से फैलने वाला प्रदूषण और शोर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है। दिवाली के दौरान जिन मिठाईयों का सेवन किया जाता है वह आम तौर पर वनस्पति घी से बनी होती हैं,जिनमें काफी मात्रा में ट्रांस फैट होता है।जो अच्छे कालेस्ट्रॉल को कम और बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।इसमें मौजूद चीनी की अत्यधिक मात्रा से मोटापा बढ़ता है।
डॉयबीटीज के मरीजों के लिए थोड़ी सी भी मिठाई जानलेवा हो सकती है।लोग अक्सर बाहर खाने जाते हैं और वह पकवान चुनते हैं जो तले हुए और अत्यधिक सोडियम वाले होते हैं।इससे रक्तचाप बढ़ सकता है और दिल पर दबाव पड़ता है।जिन लोगों को पहले से दिल के रोग और ब्लॉकेज जैसी समस्याएं हैं उन्हें दिल का दौरा पड़ने या आक्समाक कार्डियक अरेस्ट का खतरा हो सकता है।
दीपावली पर सीमित मात्रा में ही पटाखे चलाने चाहिए और ज्यादा शोर करने वाले पटाखों से बचना चाहिए, गैसों के जहरीले धुएं से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए।पटाखों के शोर से बचने के लिए दिल और हाईपरटैंशन के मरीज कानों में ईयर प्लग लगाएं।उच्च कैलरी वाली मिठाईयों से बचें और शराब कम पीएं।
दिल के मरीजों को चाहिए कि वह शाम के वक्त घर के अंदर ही रहें क्योंकि उस वक्त सबसे ज्यादा पटाखे चलाए जाते हैं। साथ ही अस्थमा, हाईपरटेंशन, मोटापे,डायबिटीज वालों को सावधान रहना चाहिए।सावधानी व बचाव से ही सेहतमंद व खुशियों भरी दीवाली हो सकती है।