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- नागपुर सेंट्रल जेल में कैदियों से हो रहा अमानवीय व्यवहार
Posted by : achhiduniya
25 June 2016
आम
लोगो के साथ पुलिस का रवैया कैसा है यह किसी से छुपा नही है। गत दिनों नागपुर सेंट्रल
जेल से पैरोल पर छूटकर आए एक कैदी सतीश रामचंद्र निरापुरे [कैदी क्रमांक C-7799,बैरक क्रमांक-07 ] ने
नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में कैदियों के साथ भारी छल होने का आरोप लगाया है। कैदी
सतीश रामचंद्र निरापुरे ने शुक्रवार को पत्र परिषद में बताया कि नागपुर की जेल में
उसकी जान को खतरा है। वह नागपुर मध्यवर्ती कारागृह की बजाय देश की किसी भी जेल में
सजा काटने को तैयार है। लेकिन वह अब दोबारा इस जेल में वापस नहीं जाना चाहता है। वहां
उसके साथ बिना कारण मारपीट की जाती है।
पीने का पानी और खाने की सामग्री भी अच्छी नही दी जाती वही कैदियो को बेदम पिटाई की जाती है साथ ही बेहोश होने पर उसे पानी डाल कर होश मे लाकर फिर पिटा जाता है। डाक्टरों के द्वारा भी सही इलाज नही किया जाता।
इस संबंध में मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत कर चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से पत्रकारो के सामने आकर हकीकत बयान कर रहा है। उसने बताया कि नागपुर सेंट्रल जेल मे अन्य सीधे-सादे कैदियों पर भी अन्याय किया जाता है।
दूसरी खबर.....
प्रभाग पद्धति पर 14 को सुनवाई.....
आंबेडकराइट्स पार्टी ऑफ इंडिया (एपीआई) के अध्यक्ष विजय मानकर और महासचिव विद्या भिमटे ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में मनपा के चुनाव चार वार्ड मिलाकर एक प्रभाग पद्धति से कराने के सरकार के निर्णय के खिलाफ अदालत में दायर याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई होगी। मानकर ने पत्र परिषद में बताया कि प्रभाग पद्धति से चुनाव कराना छोटी पार्टियों के लिए नुकसानदेह है। इसका लाभ बड़े दलों को होगा। छोटे वार्ड के आधार पर चुनाव लड़ने की क्षमता रखने वाले गरीब और महिला वर्ग का नेतृत्व समाप्त होने का खतरा होने की बात उन्होंने कही।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है। इसमें सुधार जरूरी है। ईवीएम में पेपर ट्रेल लगाकर मतदान कराने की जरूरत है। चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवार के खर्च के साथ ही संबंधित दल के खर्च पर भी प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बने। दायर की गई एपीआई की याचिका में सभी बातों को शामिल किया गया है। 14 जुलाई को याचिका पर सुनवाई है। राज्य-केंद्र सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग, राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग और शहरी विकास मंत्रालय को नोटिस दिया गया है। पत्र परिषद में विकास नगराले, राजेश कापसे, प्रदीप नगराले आदि मौजूद थे।
पीने का पानी और खाने की सामग्री भी अच्छी नही दी जाती वही कैदियो को बेदम पिटाई की जाती है साथ ही बेहोश होने पर उसे पानी डाल कर होश मे लाकर फिर पिटा जाता है। डाक्टरों के द्वारा भी सही इलाज नही किया जाता।
इस संबंध में मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत कर चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से पत्रकारो के सामने आकर हकीकत बयान कर रहा है। उसने बताया कि नागपुर सेंट्रल जेल मे अन्य सीधे-सादे कैदियों पर भी अन्याय किया जाता है।
दूसरी खबर.....
प्रभाग पद्धति पर 14 को सुनवाई.....
आंबेडकराइट्स पार्टी ऑफ इंडिया (एपीआई) के अध्यक्ष विजय मानकर और महासचिव विद्या भिमटे ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में मनपा के चुनाव चार वार्ड मिलाकर एक प्रभाग पद्धति से कराने के सरकार के निर्णय के खिलाफ अदालत में दायर याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई होगी। मानकर ने पत्र परिषद में बताया कि प्रभाग पद्धति से चुनाव कराना छोटी पार्टियों के लिए नुकसानदेह है। इसका लाभ बड़े दलों को होगा। छोटे वार्ड के आधार पर चुनाव लड़ने की क्षमता रखने वाले गरीब और महिला वर्ग का नेतृत्व समाप्त होने का खतरा होने की बात उन्होंने कही।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है। इसमें सुधार जरूरी है। ईवीएम में पेपर ट्रेल लगाकर मतदान कराने की जरूरत है। चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवार के खर्च के साथ ही संबंधित दल के खर्च पर भी प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बने। दायर की गई एपीआई की याचिका में सभी बातों को शामिल किया गया है। 14 जुलाई को याचिका पर सुनवाई है। राज्य-केंद्र सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग, राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग और शहरी विकास मंत्रालय को नोटिस दिया गया है। पत्र परिषद में विकास नगराले, राजेश कापसे, प्रदीप नगराले आदि मौजूद थे।